आँख-मिचौनी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जो चन्द्रमा पूनम की रात में चाँदी की परात की तरह चमकता दिखाई देता है , वही थोड़ी देर बादलों से आँख-मिचौनी खेल कर कच्ची बर्फ के गोले सा धूमिल भी हो जाता है .
- इन्हीं महलों में प्रवेश द्वार के अन्दर डोली महल से पूर्व एक भूल-भूलैया है , जहाँ राजे-महाराजे अपनी रानियों और पट्टरानियों के साथ आँख-मिचौनी का खेल खेला करते थे.[शायद इस लिए भी इसे रूमानी जगह कहते हैं!]
- अंगार अधर पर धर मैं मुस्काया हूँ , मैं मरघट से जिन्दगी बुला लाया हूँ, हूँ आँख-मिचौनी खेल चुका किस्मत से, सौ बार मृत्यु के गाल चूम आया हूँ, है नहीं मुझे स्वीकार दया अपनी भी, तुम मत मुझ पर कोई एहसान करो।
- अंगार अधर पर धर मैं मुस्काया हूँ , मैं मरघट से जिन्दगी बुला लाया हूँ, हूँ आँख-मिचौनी खेल चुका किस्मत से, सौ बार मृत्यु के गाल चूम आया हूँ, है नहीं मुझे स्वीकार दया अपनी भी, तुम मत मुझ पर कोई एहसान करो।
- कुछ देर तो बंद रखी जा सकती हैं लेकिन ता-उम्र नही गांधारी प्रतिज्ञ होने के बावजूद भी नही छोड़ पायी थी लोभ एक दृष्टी देखने का इसलिए यदि बचना चाहते हो आँख-मिचौनी से तो फोड़ लो आँखें अपनी ( कई मॉल्स में कान के साथ आँखों का पॅकेज मुफ्त मिल रहा है)
- जिन झाड़ों के नीचे जिन झोपड़ियों के पीछे जिन चबूतरों की ओट में जिन बच्चों को समेटकर खेलते थे गुल्ली डंडा रेस टीप आँख-मिचौनी अब वहाँ न कोई झाड़ है न चबूतरा न ही कोई झोपड़ी न ही अब वहाँ कोई बच्चा मचल रहा है वहाँ तो बस भीमकाय चिमनियाँ अपना धुआँ उगल रही हैं ।
- रँगी परातों से चिह्नित कर चलते पायल -से रिश्ते हंसी-ठिठोली की अनुगूँजें भरते , कलकल-से रिश्ते पसली के अंतिम कोने तक कभी कहकहे भर देते दिन-रातों की आँख-मिचौनी हैं ये चंचल-से रिश्ते उमस घुटन की वेला आती धरती जब अकुलाती है घन-अंजन आँखों से चुपचुप बरसें बादल -से रिश्ते पलकों में भर देने वाली उंगली पर रह जाते हैं बैठ अलक काली नजरों का जल हैं, काजल -से रिश्ते कभी तोड़ देते अपनापन कभी लिपट कर रोते हैं कभी पकड़ से दूर सरकते जाते, पागल - से रिश्ते - कविता वाचक्नवी आकाश पर चढ़े सूरज