आकबत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस बखत न दोगे , तो क्या आकबत में दोगे ? चाहिए तो यह था कि अपनी ओर से कुछ मदद करते , उलटे मेरे ही रुपये बाकी रखते हो।
- जवानी में इनकी जात का असर ही था कि मुहम्मद मक्का में अपने आबाई मज़हब के ख़िलाफ़ आएँ बाएँ शाएँ बकते रहे , उनको आकबत की पुडिया बेच रहे हैं .
- काले खां दीनभाव से रूक-रूककर बोला-क्यों मेरी नजात का द्वार बंद करते हो , भाई दुनिया तो बिगड़ गई क्या आकबत भी बिफाडना चाहते हो- अल्लाह से दुआ करो , सब पर रहम करे।
- जिसको अल्लाह खुद शक ओ शुबहा भरी आयत कहता हो उसको समझने की क्या ज़रुरत ? जाहिल क़ौम इसे पढ़ती रहे और अपने मुर्दों को बख़श कर उनका भी आकबत ख़राब करती रहे .
- तुम्हें चोरी करते शर्म भी नहीं आती ईश्वर ने हाथ-पांव दिए हैं , खासे मोटे-ताजे आदमी हो , मजदूरी क्यों नहीं करते- दूसरों का माल उड़ाकर अपनी दुनिया और आकबत दोनों खराब कर रहे हो।
- दुन्या में जो कुछ है इन्हीं माददा परस्त मगरीबी ममालिक की देन है और तमाम साइंस दानों के इल्म की बरकतें हैं , जिनको यह आकबत के सौदागर आलिमान दीन नेहायत बेगैरती के साथ भोग रहे हैं.
- दुन्या में जो कुछ है इन्हीं माददा परस्त मगरीबी ममालिक की देन है और तमाम साइंस दानों के इल्म की बरकतें हैं , जिनको यह आकबत के सौदागर आलिमान दीन नेहायत बेगैरती के साथ भोग रहे हैं .
- हम क्यों अपनी आकबत बिगाड़ें ? लड़का ऐसा नालायक न होता , तो आज मुँह में कालिख क्यों लगती ? अब उसका चलन ही बिगड़ गया , तो मैं कहाँ तक बचाऊँगा ? सजा भोगेगा , तो आप ऑंखें खुलेंगी।
- ऐसी कुरानी आयतों के पैरोकारों को हिन्दू अपना दुश्मन मानें तो क्यूँ न मानें ? दुन्या के तमाम गैर मुस्लिम मुमालिक में बसे हुए मुसलमानों के साथ किस दर्जा ना आकबत अन्देशाना और ज़हरीला ये पैगाम है इसलाम का .
- जाहिल क़ौम इसे पढ़ती रहे और अपने मुर्दों को बख़श कर उनका भी आकबत ख़राब करती रहे . हम कहते हैं मुसलमान क्यूँ नहीं सोचता की उसके अल्लाह अगर हिकमत वाला है तो अपनी आयत साफ साफ क्यूँ अपने बन्दों को बतला सका, क्यूँ कारामद बातें नहीं बतलाएं?