आत्मवृत्त का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उनकी मिथ्या आत्मकथा अपने जीवनस्थितिओं , प्रभुवर्ग के संग-साथ के सुखकर स्मरणों के वृत्त से ही अंटे-पटे होंगे ! डॉ तेजसिंह ने अपनी पत्रिका ‘ अपेक्षा ' के दलित आत्मवृत्त अंक में इन साजिशों-अनगढ़ सच्चाइयों को अपने सम्पादकीय में बखूबी नग्न किया था .
- अर्थात् जब हजारी प्रसाद द्विवेदी जातियता पर लिखते हैं तो वे आला दर्जे के आचार्य मान लिए जाते हैं और यदि संजीव खुदशाह जातियों के इतिहास को खंगाले तो उन्हे संकीर्ण दायरों से घिरा हुआ , आत्मवृत्त में घिरा हुआ अथवा जातिवादी कहा जायेगा।
- अर्थात् जब हजारी प्रसाद द्विवेदी जातियता पर लिखते हैं तो वे आला दर्जे के आचार्य मान लिए जाते हैं और यदि संजीव खुदशाह जातियों के इतिहास को खंगाले तो उन्हे संकीर्ण दायरों से घिरा हुआ , आत्मवृत्त में घिरा हुआ अथवा जातिवादी कहा जायेगा।
- प्रत्यक्ष रूप से किंचित हड़बड़ी में लिखे गए इस आत्मवृत्त के अन्तिम हिस्से में वह अपनी शैली को न्यायोचित ठहराता हुआ पाठक से कहता है कि उसे हकले का दर्द और उसकी व्याकुलता को समझते हुए यह जानना चाहिये कि “हकला न होना कितनी बड़ी नियामत है . ”
- प्रत्यक्ष रूप से किंचित हड़बड़ी में लिखे गए इस आत्मवृत्त के अन्तिम हिस्से में वह अपनी शैली को न्यायोचित ठहराता हुआ पाठक से कहता है कि उसे हकले का दर्द और उसकी व्याकुलता को समझते हुए यह जानना चाहिये कि “ हकला न होना कितनी बड़ी नियामत है . ”
- रोज-ब-रोज बचने के इस दौर की जद्दोजहद को याद करते हुए अतिला आत्मवृत्त में लिखते हैं कि कई बार ऐसा हुआ कि भोजन के लिए कतार में नौ बजे रात को लगने के बाद , दूसरे दिन साढे आठ बजे बारी आने पर पता चलता कि खाना ख्ात्म हो चुका है।
- यहां स्पष्ट कर दूं कि हिन्दी की आत्मकथाओं और दलित लेखकों के आत्मवृत्तों में मूलभूत अंतर यह है कि हिन्दी आत्मकथाएं प्रसिद्ध व्यक्तियों द्वारा अपने पारिवारिक जीवन को ही आधार बनाकर लिखी जाती रही है , इसलिए वे एकांगी और व्यक्ति विशेष की उपलब्धियों तक ही सीमित रहती हैं जबकि दलित आत्मवृत्त व्यक्तिगत के बजाय संपूर्ण दलित समाज के परिवेश को लेकर चलते हैं, इसलिए वे एकांगी और आत्मगत न होकर समष्टिगत होते हैं क्योंकि उनमें संपूर्ण समाज का चित्र भी उपस्थित रहता है।