आत्म-शक्ति का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मैंने देश के कामों में शिक्षा के काम को श्रेष्ठ मान लिया था - जनजागरण को आत्म-शक्ति पर भरोसा रखने की शिक्षा देने के लिए अब तक मैंने अपनी सारी सामर्थ्य लगा देने की कोशिश की है।
- आत्म-शक्ति मनुष्य की एक महत्वपूर्ण मानसिक ताकत है। इस ताकत के माध्यम से व्यक्ति बड़े से बड़े कार्यो को कर सकता है। आत्म-शक्ति प्रत्येक व्यक्ति में होती है , लेकिन अनेक लोग इस ताकत का प्रयोग करना नहीं
- आत्म-शक्ति मनुष्य की एक महत्वपूर्ण मानसिक ताकत है। इस ताकत के माध्यम से व्यक्ति बड़े से बड़े कार्यो को कर सकता है। आत्म-शक्ति प्रत्येक व्यक्ति में होती है , लेकिन अनेक लोग इस ताकत का प्रयोग करना नहीं
- देवत्व के जागरण का हमारा वर्तमान अभियान संसार का भावनात्मक नव-निर्माण करने में सफल होकर रहेगा , क्योंकि उसका आधार उथले ओछे प्रचार उपकरण नहीं वरन् आत्म-शक्ति के वही प्रयोग होगें जो समय-समय पर असंख्य बार सफल होते रहे है।
- लेकिन इससे मुझे उस समय बड़ी आत्म-शक्ति मिली जब मैंने हवाला में दोषारोपण के बाद त्यागपत्र देने और यह घोषणा करने का निर्णय लिया कि जब तक मुझे न्यायालय द्वारा दोषमुक्त नहीं कर दिया जाता तब तक मैं संसद में नहीं लौटूंगा।
- इसमें असल भागीदार समाज-वैज्ञानिक , कला और संस्कृति के विशेषज्ञ , जमीनी स्तर के सामाजिक और राजनैतिक कार्यकर्त्ता तथा स्वयं जनता भी है , जो राजकीय क्षेत्र से बाहर किंतु सामाजिक , सांस्कृतिक और राजनैतिक चिंतन का भंडार और भारत की आत्म-शक्ति है।
- किसी से भी अपेक्षाएं पालना भी तो अनुचित है कुल मिला कर आप यदि आपमें आत्म-शक्ति है आप “ अंतरसंवेदित ” हैं आपकी द्रष्टि सर्वव्यापी है तो तय है कि आप बिना किसी की सहायता के अपने इर्द-गिर्द के वातावरण का अनुमापन कर पाएंगें .
- आत्म-शक्ति अथवा ब्रम्ह-ज्योति ' प्रभा ' शक्ति के आपसी मेल-मिलाप से ही ' ह् ' अक्षर , शब्दादि सूक्ष्म विषय तथा आकाश आदि पदार्थ तत्व भी क्रमश : उत्पन्न हुये तथा उन्हीं आत्म-ज्योति से ही उत्पन्न , देव तथा देव लोकों की रचना में माध्यम बना ।
- आज के तांत्रिक जितना कर लेते हें यद्यपि वह भी कम महत्वपूर्ण और कम आश्चर्यजनक नहीं है , फिर भी इस मार्ग के पथिकों को तब तक चैन नहीं लेना चाहिए जब तक कि परमाणु प्रकृति पर आत्म-शक्ति द्वारा अधिकार करने के विज्ञान में पूर्वकाल जैसी सफलता प्राप्त न हो जाय ।
- चूंकि सम्पूर्ण सृष्टि की रचना या उत्पत्तिा परम प्रभु के निर्देशन में आत्म-शक्ति रूप ' प्रभा ' ने अपने ' हूँ ' कार से ' हूँ ' से ' ह्- ' के साथ आपस में मेल-मिलाप करते हुये जड़ जगत् तथा से देव तथा देव लोक की रचना या उत्पत्ति की या हुई ।