आप्तकाम का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जिस वैषयिक जीवन को त्यागकर वे इस प्रकार आप्तकाम और आनन्दमग्न हैं , उसी में मैं एक विषयकीट के समान और अधिक लिप्त होता जा रहा हूँ।
- केवल शुद्ध ज्ञानमूर्ति परमानंदरूप , अपनी स्थिति से आप्तकाम , सत्यसंकल्प तथा अपनी चेतनशक्ति से रची हुई माया के कार्यरूप गुनप्रवाह से सदा निवृत आपको नमस्कार है ||
- अधिकारी की पाकर आप्तकाम , परम निष्काम , सदा एकान्त सेवी अद्वैत निष्ठ महात्मा शास्त्र का कपाट खोल कर कुञ्जियाँ प्रदान करते हैं और दर्शा देते हैं कि तत्व यह है।
- हे कृपानिधान , प्राणों के भी प्राण , आत्माराम , आप्तकाम , पूर्णकाम , परिपूर्णावतार भगवान् वासुदेव ! जैसा अपने योगिराज को स्वरूप प्रदान किया , वैसा सभी को प्रदान करना।
- हे कृपानिधान , प्राणों के भी प्राण , आत्माराम , आप्तकाम , पूर्णकाम , परिपूर्णावतार भगवान् वासुदेव ! जैसा अपने योगिराज को स्वरूप प्रदान किया , वैसा सभी को प्रदान करना।
- वैसे ही एक जैन इस साधना में उतर सकता है , बौद्ध इस साधना में उतर सकता है, एक ईसाई इस साधना में उतर सकता है…वे जहां है तंत्र उन्हें आप्तकाम करेगा।
- ऐसे साधन सम्पन्न अधिकारी की पाकर आप्तकाम , परम निष्काम , सदा एकान्त सेवी अद्वैत निष्ठ महात्मा शास्त्र का कपाट खोल कर कुञ्जियाँ प्रदान करते हैं और दर्शा देते हैं कि तत्व यह है।
- इन अक्षरों में सन्निहित प्रेरणाओं को अपनाने वाले साधक निश्चित रूप से आप्तकाम बनते हैं और उस तरह खिन्न-उद्विग्न नहीं रहते जिस तरह कि लिप्सा-लालसाओं की अनुपयुक्त कामनाओं की आग में लोग जलते-भुनते हुए शोक-संताप सहते हैं ।
- इन अक्षरों में सन्निहित प्रेरणाओं को अपनाने वाले साधक निश्चित रूप से आप्तकाम बनते हैं और उस तरह खिन्न उद्विग्न नहीं रहते जिस तरह के लिप्सा- लालसाओं की अनुपयुक्त कामनाओं की आग में जलते- भुनते हुए शोक- संताप सहते हैं ।।
- जिन चरणकमल की लक्ष्मीजी , आप्तकाम ब्रह्मादि देवता और योगेश्वर अपने हृदय में पुजा करते है , उन श्रीक़ृष्णजी के चरण कमलों को जिन गोपियों ने रासक्रीड़ा में अपने वक्षस्थल में रखा था और उसका आलिंगन करके अपना ताप दूर किया था , ऐसी गोपियों के चरण कमलों को मैं नमस्कार करता हूँ