आबला का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मोहब्बत का नाम , कोई संगे - हिना लिख दे ॥ दिखे है तेरा अक्स ,हर टुकड़े में यहाँ “अर्श” टुटा था ,वो दिल था ,तू आइना लिख दे ॥ प्रकाश “अर्श” ३०/११/२००८ चौथा शे'र भारत के कोहिनूर हीरे के बारे में कहा गया है जो इंग्लॅण्ड के महारानी के ताज पे सुशोभित है ॥ आज घर के एक कोने में बिखरा पड़ा हूँ मैं .... हुई है ज़िन्दगी मेहरबान लो आबला दिया ।
- ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे तू बहुत देर से मिला है मुझे हमसफ़र चाहिये हूज़ूम नहीं इक मुसाफ़िर भी काफ़िला है मुझे तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल हार जाने का हौसला है मुझे लब कुशां हूं तो इस यकीन के साथ कत्ल होने का हौसला है मुझे दिल धडकता नहीं सुलगता है वो जो ख्वाहिश थी , आबला है मुझे कौन जाने कि चाहतो में फ़राज़ क्या गंवाया है क्या मिला है मुझे
- ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे तू बहुत देर से मिला है मुझे हमसफ़र चाहिये हूज़ूम नहीं इक मुसाफ़िर भी काफ़िला है मुझे तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल हार जाने का हौसला है मुझे लब कुशां हूं तो इस यकीन के साथ कत्ल होने का हौसला है मुझे दिल धडकता नहीं सुलगता है वो जो ख्वाहिश थी , आबला है मुझे कौन जाने कि चाहतो में फ़राज़ क्या गंवाया है क्या मिला है मुझे
- युवाओं में प्रायः धूम्रपान और मादक पदार्थों के सेवन से भी बालों के सफेद होने की समस्या लगातार बढ़ रही हैं | ख़राब आदतों को बदल डाले ऊपर के कुछ कारण हों चिकित्सक से संपर्क करें | पूरी जाँच करावे , और चिकित्सा लें | प्रति दिन नियम पूर्वक ५ बादाम ,5 अखरोट ५ मुनक्का १ आबला , और एक चम्मच गुलकंद खाने से बाल स्वस्थ रहते हें | पर कुछ दिन नहीं लगातार लेते रहना ठीक हे |
- ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे / फ़राज़ ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे तू बहुत देर से मिला है मुझे हमसफ़र चाहिये हूज़ूम नहीं इक मुसाफ़िर भी काफ़िला है मुझे तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल हार जाने का हौसला है मुझे लब कुशां हूं तो इस यकीन के साथ कत्ल होने का हौसला है मुझे दिल धडकता नहीं सुलगता है वो जो ख्वाहिश थी, आबला है मुझे कौन जाने कि चाहतो में फ़राज़ क्या गंवाया है क्या मिला है मुझे
- ज़िन्दगी से यही गिला है मुझे तू बहुत देर से मिला है मुझे तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल हार जाने का हौसला है मुझे दिल धड़कता नहीं तपकता है कल जो ख़्वाहिश थी आबला है मुझे हमसफ़र चाहिये हुजूम नहीं इस मुसाफ़िर भी क़ाफ़िला है मुझे कोहकन हो कि क़ैस हो कि फ़राज़ सब में इस शख़्स ही मिला है मुझे ( आबला:छाला/तपकना:जब शरीर कि किसी हिस्से में दर्द हो और वो दर्द दिल धड़कने से भी दुखे/कोहकन:फ़रहाद जिसने शीरीं के लिये पहाड़ काटा था)
- संवाददाता , सुंदरनगर: रोटरी क्लब सुंदरनगर के पदाधिकारियों ने रविवार को पुंघ में वन विभाग की बंजर भूमि पर पौधरोपण किया। करीब एक बीघा भूमि पर रोटरी क्लब के सदस्यों ने विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपे। क्लब के प्रधान भूपेंद्र महाजन की अगुवाई में सभी रोटेरियन ने नोलिनो, साइक्स, औरकारिया, आबला, हरड़, रबड़ प्लाट, जामुन, बिल, गलगल आदि प्रजातियों के पौधे रोपे। रोटरी क्लब के महासचिव घनश्याम महाजन ने बताया कि इस क्षेत्र को रोटरी क्लब गोद लेगा और पौधों के संरक्षण से लेकर अन्य गतिविधियों को अंजाम द
- खुदाया तुमने भी किसको क्या बना दिया ॥ घर से निकला था जो , तकमील के लिए , रास्तों ने पैरो में आबला बना दिया ॥ मुझे गुरुर था, बज्म-ऐ-नाज़ पे मगर , उस शख्स ने,दार-ओ-रसन जा बना दिया ॥ हाँथ मलता रहा वो उम्र भर ,आखरस खून को “अर्श” वही रँगे-हिना बना दिया ॥ प्रकाश “अर्श” ०१/१०/२००८ तकमील = मंजिल पे पहुँचना, आबला =छाला , रँगे-हिना =मेहंदी का रंग , बज्म-ऐ-नाज़ = माशूक की महफ़िल दार-ओ-रसन = सूली और फंसी का फंदा , जा = जगह ॥ ये कैसा कसाई था वो ...................
- खुदाया तुमने भी किसको क्या बना दिया ॥ घर से निकला था जो , तकमील के लिए , रास्तों ने पैरो में आबला बना दिया ॥ मुझे गुरुर था, बज्म-ऐ-नाज़ पे मगर , उस शख्स ने,दार-ओ-रसन जा बना दिया ॥ हाँथ मलता रहा वो उम्र भर ,आखरस खून को “अर्श” वही रँगे-हिना बना दिया ॥ प्रकाश “अर्श” ०१/१०/२००८ तकमील = मंजिल पे पहुँचना, आबला =छाला , रँगे-हिना =मेहंदी का रंग , बज्म-ऐ-नाज़ = माशूक की महफ़िल दार-ओ-रसन = सूली और फंसी का फंदा , जा = जगह ॥ ये कैसा कसाई था वो ...................