आमद-रफ्त का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- होस्टल फैक्ट्री के पूर्वी छोर पर एस्टेट से बिल्कुल अलग-थलग था . होस्टल और फैक्ट्री के बीच से होकर गुजरने वाली सड़क रेलवे स्टेशन से एस्टेट के ' एच ' टाइप मकानों के बीच से होती हुई ' आर ' टाइप मकानों तक जाती थी और कम आमद-रफ्त वाली थी .
- माना जा रहा है कि जिला बनने से इलके में सरकारी आमद-रफ्त बढ़ेगी और विकास के काम होने से नक्सलियों के पांव उखड़ेंगे जो पिछड़ेपन को ढाल बनाते आए है| शबरी नदी के तट पर स्थित सुकमा जिला न केवल बस्तर संभाग बल्कि छत्तीसगढ़ के भी दक्षिणी छोर का आखिरी जिला है।
- माना जा रहा है कि जिला बनने से इलके में सरकारी आमद-रफ्त बढ़ेगी और विकास के काम होने से नक्सलियों के पांव उखड़ेंगे जो पिछड़ेपन को ढाल बनाते आए है | शबरी नदी के तट पर स्थित सुकमा जिला न केवल बस्तर संभाग बल्कि छत्तीसगढ़ के भी दक्षिणी छोर का आखिरी जिला है।
- शुशांत , जिनका पूरा नाम शुशांत राय था , उठते , अंगड़ाई लेते , खिड़की से झांककर सड़क की आमद-रफ्त का जायजा लेते हुए दाढ़ी पर हाथ फेरते , जिसकी वह बहुत साज-संवार करते थे , फिर बिस्तर छोड़ किचन में जाते , जहां शालिनी थर्मस में उनके लिए चाय बनाकर रख जाती थी .
- शुशांत , जिनका पूरा नाम शुशांत राय था , उठते , अंगड़ाई लेते , खिड़की से झांककर सड़क की आमद-रफ्त का जायजा लेते हुए दाढ़ी पर हाथ फेरते , जिसकी वह बहुत साज-संवार करते थे , फिर बिस्तर छोड़ किचन में जाते , जहां शालिनी थर्मस में उनके लिए चाय बनाकर रख जाती थी .
- शुशांत , जिनका पूरा नाम शुशांत राय था , उठते , अंगड़ाई लेते , खिड़की से झांककर सड़क की आमद-रफ्त का जायजा लेते हुए दाढ़ी पर हाथ फेरते , जिसकी वह बहुत साज-संवार करते थे , फिर बिस्तर छोड़ किचन में जाते , जहां शालिनी थर्मस में उनके लिए चाय बनाकर रख जाती थी .
- क्या तुम्हे पता है , कि तुम्हारे घर की रसोई में , एक सपना रोज चढ़ाता है गैस पर अपना ही बर्तन फिर खिडकी से उचक कर तोड़ लाता है थोडा सा नीला आसमान एक टुकड़ा सूरज एक चुटकी धूप कुन्ने के पीपल की हरी-पीली भरी पत्तियाँ मुटठी भर उडती चिड़ियाँ चौराहे की आमद-रफ्त फिर सब के सब खौलते है बर्तन के पानी में और बस बन कर उड़ जाते है ' भाप ' .... तुम्हारी दुनियाँ के अपने आसमान में ... !!
- जहाँ पढ़े-लिखे लोगों में हिंदुस्तान को लेकर खासकर कश्मीर में “ जो कुछ भी भारतीय सेनाएं कर रहीं हैं ” ( पाक प्रोपगंडा तंत्र द्वारा किया गया प्रचार ) के मद्दे - नज़र , एक जबरदस्त नाराज़गी थी वहीँ यह सुनते हीं कि मैं हिंदुस्तान से आया हूँ ड्राइवर ने पैसे लेने से मना कर दिया “ बस जनाब , पैसे तो आते - जाते रहते हैं , अल्लाह-ताला से दुआ कीजिये कि आमद-रफ्त बहाल हो और अमन से हम सब एक-दूसरे के यहाँ आ-जा सकें ” .
- रियासती दौर , ताना भगत, इसाई मिशनरी, कबीरपंथी, तिब्बती, गहिरा गुरू, राजमोहिनी देवी और एमसीसी जैसी धाराओं के समानान्तर सरगुजा में हाथियों की आमद-रफ्त व प्राकृति के असमंजस को माइक पांडे ने 'द लास्ट माइग्रेशन' ग्रीन आस्कर पुरस्कृत फिल्म में, मिशनरी गतिविधियों को तेजिन्दर ने 'काला पादरी' उपन्यास में, अकाल और जीवन विसंगतियों को पी साईंनाथ ने 'एव्रीबडी लव्स अ गुड ड्राउट' रपटों के संग्रह पुस्तक में तो याज्ञवल्क्य जी ने एक रपट में यहां और समग्र रूप में समर बहादुर सिंह जी, डा. कुंतल गोयल, डा. बजरंग बहादुर सिंह ने लेख/पुस्तकों में दर्ज किया है।