आश्लेषा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ( ३४) श्रीमती दीक्षा तिवारी, दुर्ग, मीन राशि आश्लेषा नक्षत्र की कुण्डली।
- अश्विनी , मघा, मूल, आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती नक्षत्र गंडमूल नक्षत्र कहलाते है.
- आश्लेषा नक्षत्र दोपहर 12 . 54 बजे तक, तत्पश्चात् मघा नक्षत्र का आरंभ।
- गंडमूल संज्ञक नक्षत्र हैं- अश्विनी , आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल तथा रेवती।
- गंडमूल संज्ञक नक्षत्र हैं- अश्विनी , आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल तथा रेवती।
- आश्लेषा नक्षत्र : - इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जो जातक विशेषत:
- आश्लेषा नक्ष त्र में किसी बड़े ऑफर पर साइन न करें।
- मास- जिल्हेज , तारीख- 22, दिवस तिथि- नवमी, दिवस नक्षत्र- आश्लेषा ।
- आश्लेषा नक्षत्र में जन्मा जातक प्रत्येक कार्य में सफल होता है।
- राहू का जन्म नक्षत्र भरणी और केतू का जन्म नक्षत्र आश्लेषा हैं।