इक्की का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- भारत में तो इक्की दुक्की घटनाओं को छोड़ दें तो फांसी की सजा समाज की कमजोर वर्गों के सदस्यों को ही अब तक दी गई है और दूसरी तरफ फांसी की सजा से माफी पाने वाले लोग समाज के प्रभावशाली लोगों में रहे हैं .
- मेरे खाते मे चार हजार रूपया जमा हुआ था बैक के काउन्टर से आठ हजार रूपया मिला था उस समय पर काउन्टर पर नच्चू पाण्डेय व साधू पाण्डेय अभियुक्तगण ने मुझसे आठ हजार रूपया जबरजस्ती नही लिया था और नही दूसरे दिन अपने घर पर बुलाकर साढे इक्की सौ रूपये दिया था।
- छुपा-छुपी , आँख मिचौली, इक्की -दुक्की, लूडो, कैरम , गुड्डे-गुडिया की शादी...... सब. मेरी बहनों के बच्चे मेरे इंतज़ार में रहते हैं, कि कब मैं आऊं, और उनका खेल जमे छुट्टियों में हम सब बहने अपने घर यानि माँ-पापा के पास इकट्ठे होते ही हैं, जो बहनें पहले आ जातीं हैं, उनके बच्चे इंतज़ार करने लगते हैं.
- टायर चलाना , फिरकी घुमाना , चव्वे ( कच्ची इमली ) बिनना , और इक्की दुक्की अम्मा बहिन की गालियाँ , कित्ता कुछ सिखाया था उसने मुझे , ” भूरे खाँ ! मेरे अच्छे भूरे ! मेरी पतंग बढ़ा दे , और बस पतंग आसमान पे , भूरे ! तेरी सायकल का एक चक्कर लगाने दे न , और सायकल हाज़ि र.
- अत : आज की घड़ी में गाँधीजी द्वारा प्रज्वलित की गयी ज्योति को बुझने नहीं देने की जिम्मेदारी कुछ ऐसे इक्के दुक्के लोगों पर या कुछ ऐसी इक्की दुक्की संस्थाओं पर आ जाती है जो अपनी सहज आंतरिक प्रेरणा से ही गाँधीजी को तथा उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन के विकास के लिए और समाज की वर्तमान समस्याओं को हल करने के लिए अनुकूल मानती हों।
- छुपा-छुपी , आँख मिचौली , इक्की -दुक्की , लूडो , कैरम , गुड्डे-गुडिया की शादी ...... सब . मेरी बहनों के बच्चे मेरे इंतज़ार में रहते हैं , कि कब मैं आऊं , और उनका खेल जमे छुट्टियों में हम सब बहने अपने घर यानि माँ-पापा के पास इकट्ठे होते ही हैं , जो बहनें पहले आ जातीं हैं , उनके बच्चे इंतज़ार करने लगते हैं .
- छुपा-छुपी , आँख मिचौली , इक्की -दुक्की , लूडो , कैरम , गुड्डे-गुडिया की शादी ...... सब . मेरी बहनों के बच्चे मेरे इंतज़ार में रहते हैं , कि कब मैं आऊं , और उनका खेल जमे छुट्टियों में हम सब बहने अपने घर यानि माँ-पापा के पास इकट्ठे होते ही हैं , जो बहनें पहले आ जातीं हैं , उनके बच्चे इंतज़ार करने लगते हैं .
- पर मैं कौन ? मेरा अनुभव यह है इस तरह के लोग जैसे ही यह जान जाते हैं कि इक्की - दुक्की बड़ी समितियों में मैं भी कभी कभी गलती से बैठता हूँ और मैंने भी हालैंड से नहीं, पर किसी ऐसे ही मुल्क से कभी कोई कागज़ का पुरदा आमद किया है, जिसके बल पर टका दो टका कमा लेता हूँ, तो इनकी प्रतिक्रिया बिल्कुल भिन्न होती है।
- पर मैं कौन ? मेरा अनुभव यह है इस तरह के लोग जैसे ही यह जान जाते हैं कि इक्की - दुक्की बड़ी समितियों में मैं भी कभी कभी गलती से बैठता हूँ और मैंने भी हालैंड से नहीं , पर किसी ऐसे ही मुल्क से कभी कोई कागज़ का पुरदा आमद किया है , जिसके बल पर टका दो टका कमा लेता हूँ , तो इनकी प्रतिक्रिया बिल्कुल भिन्न होती है।
- जिस हद तक राजनीतिक अर्थशास्त्र इस क्षितिज की सीमाओं के भीतर रहता है , अर्थात् जिस हद तक पूंजीवादी व्यवस्था को सामाजिक उत्पादन के विकास की एक अस्थायी ऐतिहासिक मंजिल नहीं , बल्कि उसका एकदम अंतिम रूप समझा जाता है , उस हद तक राजनीतिक अर्थशास्त्र केवल उसी समय तक विज्ञान बना रह सकता है , जब तक कि वर्ग -संघर्ष सुषुप्तावस्था में है या जब तक कि वह केवल इक्की -दुक्की और अलग -अलग परिघटनाओं के रूप में प्रकट होता है।