ईशावास्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ईशावास्य 0 और वृहदारण्यक 0 के ऋषि अविद्या के उपासकों को ‘ गहन अंधकार ' में भेजते है।
- सेनापति पद्माकर के कवित्त तो मुझे याद ही थे , ईशावास्य उपनिषद के अठारहों श्लोक भी कं ठस्थ थे।
- सेनापति पद्माकर के कवित्त तो मुझे याद ही थे , ईशावास्य उपनिषद के अठारहों श्लोक भी कं ठस्थ थे।
- और इसे हम न समझ पाएं , तो ईशावास्य के पहले और अंतिम सूत्र को भी नहीं समझ पाएंगे।
- | इसीसे ईशावास्य में प्रार्थना है “सत्यधर्माय दृष्टये ” और माण्डूक्थोपनिषद की प्रार्थना है - “सत्यमेव जयते नानृतम् ” .
- और इसे हम न समझ पाएं , तो ईशावास्य के पहले और अंतिम सूत्र को भी नहीं समझ पाएंगे।
- ईशावास्य उपनिषद् का बहुत मार्मिक सूत्र है : ‘ स्वर्ण के पात्र से सत्य का मुख ढंका हुआ है।
- रामप्यारी , ये लो अपना जवाब-तीन पुराण जो तुमने गलती से जोड़ लिया है वो हैं- केवल्य पुराण ईशावास्य पुराण कृष्ण पुराण
- ईशावास्य उपनिषद यजुर्वेद की एक शाखा है जिसके अंतर्गत भगवान के रुप एवं उसकी महिमा का वर्णन किया गया है .
- हमारा सांस्कृतिक आदर्श हमेशा त्यागमय भोग रहा है ¸ - ईशावास्य उपनिषद का ‘ तेन त्यक्तेन भुंजीथा : ' रहा है।