ईशोपनिषद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ध्यातव्य है कि ईशोपनिषद में कुल जमा केवल 18 मंत्र हैं , जो मात्र एक ही पृष्ठ पर दोनों ओर में आ जाते हैं।
- ताँस्ते प्रेत्याभिगच्छन्ति ये के चात्महनो जनाः॥ ईशोपनिषद के इस वचन में आत्महनन करने वालों के गहन अन्धकार में जाने की बात कही गयी है .
- जैसे गीता महाभारत के भीष्मपर्व में होने के बावजूद एक स्वतंत्र पुस्तक का रूतबा हासिल कर चुकी है वैसी ही स्थिति ईशोपनिषद और बृहदारण्यकोपनिषद की भी बन गई है।
- जिसे हम ईशोपनिषद कहते हैं वह वास्तव में यजुर्वेद का चालीसवां यानी आखिरी अध्याय है और जिसे हम बृहदारण्यकोपनिषद कहते हैं वह असलियत में शतपथ ब्राह्मण का आखिरी अध्याय है।
- जिसे हम ईशोपनिषद कहते हैं वह वास्तव में यजुर्वेद का चालीसवां यानी आखिरी अध्याय है और जिसे हम बृहदारण्यकोपनिषद कहते हैं वह असलियत में शतपथ ब्राह्मण का आखिरी अध्याय है।
- पूर्वजन्म के ज्ञान का सदुपयोग इस जन्म में करके जिस प्रकार लैरी अपनी कम्पनी और उससे जुड़े सभी लोगों का जीवन बचाता है उससे ईशोपनिषद का निम्न मंत्र याद आता है :
- पूर्वजन्म के ज्ञान का सदुपयोग इस जन्म में करके जिस प्रकार लैरी अपनी कम्पनी और उससे जुड़े सभी लोगों का जीवन बचाता है उससे ईशोपनिषद का निम्न मंत्र याद आता है :
- इस क्रम में आचार्य विष्णुकान्त शास्त्री के द्वारा ईशोपनिषद एवं भगवत् गीता पर मासिक प्रवचन का कार्यक्रम प्रांरभ हुआ जो लागातार 6 वर्ष चला एवं प्रवचन पुस्तकाकार भी छपे एवं प्रशंसित हुए।
- ( हिन्दी में समझाना ? - मेरे लिये शायद वह अनधिकार चेष्टा होगी ) खुशकिस्मती से ईशोपनिषद के इस वचन का अनुवाद / व्याख्या हिन्दी ब्लॉग्स में भी की जा चुकी है।
- सयुजा सखाया ( ईशोपनिषद, असवामीय सूत्र, अथर्वद, वनदेवी खंड की कविताओं का गीत रूपान्तर मदनलाल साह एजूकेशन सोसायटी, कलकत्ता 1998, मैं मेरा अष्टावक्र (लम्बी कविता) कलासान प्रकाशन बीकानेर 1999, क्यों करें प्रार्थना (कविताएं)