उघड़ा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- भोर की हल्की उजास में शैलेन्द्र ने उस ओर दृष्टि डाली थीं , जहाँ फुलवा का निस्पंद शरीर ठंडक में उघड़ा पड़ा था।
- एक रंगबिरंगी चारखानी धोती से सारा शरीर ढँके रहती थी , सिर उसका खुला रहता था और बहुधा एक कन्धा भी उघड़ा रहता था।
- तुमने नापा-जाँचा-परखा ․․․ घुटनों के बल बैठ जाने को कहा ․․․ फिर गहरे हरे पर्दे के पीछे आधा ढंका-आधा उघड़ा - सा खड़ा किया।
- और इतिहास के पास विचार करने को कोई समय नहीं होता , इतिहास के पास न कोई आईना है न कोई उघड़ा हुआ चेहरा .
- और मुझसे लजाएगी कि नहीं ? जिसका कभी मुँह नहीं देखा , आज उसका उघड़ा हुआ बदन देखूँ ! उसे तन की सुध भी तो न होगी।
- शायद बहुत उघड़ा हुआ , पर जाने क्यों मुझमें जैसे जवाब पाने की जिद आ गयी थी , ” बोलो न , तुम्हारी मां को पसंद था क्या सुखना ...
- उनके यहाँ प्रेम सतह पर है ; जो स्थूल भी है और उघड़ा हुआ भी लेकिन उसी के भीतर विषाद व विराग का ' रिजोनेंस ' भी सतत उपस्थित है।
- एक बार ज्ञानदेव महाराज को क्रोध आ गया तो उनकी बहन मुक्ताई ने कहा , “ ताटी उघड़ा ज्ञानेश्वरा , ” ( ज्ञानेश्वर महाराज , आप अपना अकड़ना कम कीजिए ) ।
- बेटों ने बहुत जिद की कि अब अकेले रहना ठीक नहीं होगा अत : उनके साथ चलें , पर वे नहीं माने क्योंकि उनके धन और जायदाद का साम्राज्य उघड़ा पड़ा था .
- ' निरपराध लोग ' , ' नरमेध के नायक ' जैसी कविताएं अंततः हमसे यह पूछते हुए ही हमसे विदा लेती हैं कि बताओ क्या ये इतना उघड़ा हुआ सच भी झुठला सकते हो ..