उदान वायु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अगस्त्य कहते हैं सौ कुंभों की शक्ति का पानी पर प्रयोग करेंगे , तो पानीअपने रूप को बदल कर प्राण वायु ( Oxygen ) तथा उदान वायु ( Hydrogen ) में परिवर्तित हो जाएगा।
- यदि इनमें से कथित एड्स को हम समझें तो आयुर्वेद के अनुसार उदान वायु से प्राण वायु के आवृत होने पर जो कुछ कहा है वही है कथित एच . आई.वी. पॉजिटिव का जानलेवा रूप - “”
- गले में रहने वाली उदान वायु जब ऊपर की ओर विपरीत दिशा में जाती है तो प्राणवायु कफ में मिलकर हृदय में जमे हुए कफ को कंठ में ले आती है जिसके फलस्वरूप खांसी का जन्म होता है।
- अपान वायु नीचे की और जाती है , व्यान वायु से संकोच तथा प्रसार होता है , समान वायु से संतुलन बना रहता है और उदान वायु ऊपर की और जाती है और जब मनुष्य प्रबुद्ध हो जाता है तो वह इन सभी वायु को आत्मा-साक्षात्कार की खोज में लगाता है !
- हृदय में प्राण वायु है , गुर्दा से जो हवा निकलती है उसका नाम अपान है , समान नामक वायु का स् थान नाभि मण् डल है कण् ठ देश में जो वायु है जिससे डकार होती है वह उदान वायु है और व् यान नामक वायु है सो संपूर्ण शरीर में व् याप् त रह रक् त संचालन करता है।
- के उदान वायु से आवृत होने पर कर्म , ओज, बल व वर्ण का नाश अथवा मृत्यु-ये लक्षण होते हैं आज तक यह कहने का साहस कदाचित ही कोई जुटा सका हो कि वह कह सके कि वात का प्रकोप भी इतना भयानक हो सकता है कि देह की रोग प्रतिरोध क्षमता को नष्ट कर दे और रोगी को काल-कवलित ही करा दे।
- फिर उदान वायु या उदान प्राणा जो दिल के पास होता है और हमारी भावनाओं के लिए जिम्मेवार होता है | सुदर्शन क्रिया में कुछ लोग रोने लगते हैं , कुछ हँसते हैं और आप पाते हैं कि आपकी भावनाएं उमड़ पड़ती हैं | यह उदान वायु के कारण होता है | तो , उदान वायु सब भावनाओं के लिए जिम्मेवार है |
- फिर उदान वायु या उदान प्राणा जो दिल के पास होता है और हमारी भावनाओं के लिए जिम्मेवार होता है | सुदर्शन क्रिया में कुछ लोग रोने लगते हैं , कुछ हँसते हैं और आप पाते हैं कि आपकी भावनाएं उमड़ पड़ती हैं | यह उदान वायु के कारण होता है | तो , उदान वायु सब भावनाओं के लिए जिम्मेवार है |
- फिर उदान वायु या उदान प्राणा जो दिल के पास होता है और हमारी भावनाओं के लिए जिम्मेवार होता है | सुदर्शन क्रिया में कुछ लोग रोने लगते हैं , कुछ हँसते हैं और आप पाते हैं कि आपकी भावनाएं उमड़ पड़ती हैं | यह उदान वायु के कारण होता है | तो , उदान वायु सब भावनाओं के लिए जिम्मेवार है |
- फिर उदान वायु या उदान प्राणा जो दिल के पास होता है और हमारी भावनाओं के लिए जिम्मेवार होता है | सुदर्शन क्रिया में कुछ लोग रोने लगते हैं , कुछ हँसते हैं और आप पाते हैं कि आपकी भावनाएं उमड़ पड़ती हैं | यह उदान वायु के कारण होता है | तो , उदान वायु सब भावनाओं के लिए जिम्मेवार है |