उपधान का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- नारलाई निवासी मातुश्री शांताबेन गणेशमलजी सघंवी परिवार द्वारा शाहंपुर तीर्थ में प . प ू . आ.श ्री अभयशेखर सुरीश्र्वरजी एवं अजीतशेखरसुरीश्र्वरजी म. सा . की निश्रा में विशाल पेमाने पर उपधान तप का आयोजन ३ ० नवम्बर २ ० ११ से किया जा रहा हैं | आप भी जरुर उपधान तप आराधना में जुडने हेतु आज ही फार्म भरकर जमा करावें |
- नारलाई निवासी मातुश्री शांताबेन गणेशमलजी सघंवी परिवार द्वारा शाहंपुर तीर्थ में प . प ू . आ.श ्री अभयशेखर सुरीश्र्वरजी एवं अजीतशेखरसुरीश्र्वरजी म. सा . की निश्रा में विशाल पेमाने पर उपधान तप का आयोजन ३ ० नवम्बर २ ० ११ से किया जा रहा हैं | आप भी जरुर उपधान तप आराधना में जुडने हेतु आज ही फार्म भरकर जमा करावें |
- सो गयी आँधी मलय की बात का उपधान ले क्या ? विश्व का अभिशाप क्या चिर नीँद बन कर पास आया ? अमरता के सुत क्यों चाहता मृत्यु को उर में बसाना ? जाग तुझ को दूर जाना ॥ कह न ठंडी साँस में अब भूल वह जलती कहानी, आग हो उर में तभी द्रग में सजेगा आज पानी हार भी तेरी बनेगी मानिनी जय की पताका राख क्षणिक पतंग की है अमर दीपक की कहानी है तझे अगाँर शैय्या पर मृदुल कलियां बिछाना ।
- कट गया वर्ष ऐसे जैसे दो निमिष गए प्रिय ! छोड़ गन्धमादन को अब जाना होगा, इस भूमि-स्वर्ग के हरे-भरे, शीतल वन में जानें, कब राजपुरी से फिर आना होगा! कितना अपार सुख था, बैठे चट्टानॉ पर हम साथ-साथ झरनॉ में पाँव भिगोते थे, तरु-तले परस्पर बाँहों को उपधान बना हम किस प्रकार निश्चिंत छाँह में सोते थे! जाने से पहले चलो, आज जी खोल मिलें निर्झरी, लता, फूलॉ की डाली-डाली से, पी लें जी भर पर्वत पर का नीरव प्रकाश, लें सींच हृदय झूमती हुई हरियाली से.