ऋक् का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अत : दीर्घरोगी की रोग-निवृत्ति के सन्दर्भ में उपर्युक्त ऋक् का गान सर्वथा उपयुक्त है।
- अतः निश्चित अक्षर-संख्या तथा पाद एवं विराम वाले वेद-मन्त्रों की संज्ञा ‘ ऋक् ' है।
- ऋक् , यजु , साम और अथर्वद अपने अंग-उपांगों के साथ कलश में विराजते हैं।
- अग्नि से ऋक् , वायु से यजुष और आदित्यदेव से साम को ग्रहण करता है।
- अत : दीर्घरोगी की रोग-निवृत्ति के सन्दर्भ में उपर्युक्त ऋक् का गान सर्वथा उपयुक्त है।
- वृक्ष तीन प्रकार केहृ पत्रोपेत , फलोपेत और पुष्पोपेत, तीन वेद ऋक्, यजु और साम इत्यादि।
- ऋक् संहिता में १ ० मंडल , बालखिल्य सहित १ ० २ ८ सूक्त हैं।
- इस खण्ड में पृथ्वी को ' ऋक् और अग्नि को ' साम ' कहा गया है।
- इस खण्ड में पृथ्वी को ' ऋक् और अग्नि को ' साम ' कहा गया है।
- केन्द्र , व्यास , परिघि को ही क्रमश : यजु , ऋक् , साम कहते हैं।