ऋत्विक् का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ऋत्विक् शिष्यो गुरुभ्र्राता भागिनेय : सुतापति : ॥ - स्मृत्यर्थसार उपर्युक्त दोनों श्लोकों का भावार्थ यह है कि यजमान हवन के समय किसी कारण से उपस्थित न हो सके तो उसकी पत्नी , पुत्र , कन्या , शिष्य , गुरु , भाई आदि कर लें।
- इन अयाचक ब्राह्मणों के पूर्वज प्रथम इसी प्रकार के पुरोहित , ऋत्विक् और मन्त्री भी थे जिससे इनका व्यवहार राजसी था , जैसा कि मनु वाक्यों द्वारा दिखा चुके हैं कि क्षत्रिय , राजा और राज पुरोहित राजस कहलाते हैं और शान्ति पर्व के 76 वें अध्याय में भी लिखा हैं कि :
- इन अयाचक ब्राह्मणों के पूर्वज प्रथम इसी प्रकार के पुरोहित , ऋत्विक् और मन्त्री भी थे जिससे इनका व्यवहार राजसी था , जैसा कि मनु वाक्यों द्वारा दिखा चुके हैं कि क्षत्रिय , राजा और राज पुरोहित राजस कहलाते हैं और शान्ति पर्व के 76 वें अध्याय में भी लिखा हैं कि :
- क्या इन सब आख्यानों से ब्राह्मणों के राजा होने से अब भी कोई सन्देह रह गया ? इससे स्पष्ट हैं कि प्रथम जो ब्राह्मण अयाचक दल वाले थे , वे मन्त्री ही और अस्त्र , शस्त्रादि विद्या द्वारा एवं जो याचक दल वाले थे , वे ऋत्विक् और पुरोहित हो बड़े-बड़े राज्याधिकारी और जमींदार होकर एक ही अयाचक दलवाले होते गये और पश्चात् पुरोहिती और यजनादि भी उनका इसीलिए छूटता गया।