ऋष्यशृंग का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अंगराज रोमपाद ( चित्ररथ) ने ऋषियों तथा मंत्रियों से मंत्रणा की तथा इस निष्कर्ष में पहुँचे कि यदि किसी भी तरह से ऋष्यशृंग को अंगदेश की धरती में ले आया जाता है तो उनकी यह विपदा दूर हो जायेगी।
- जैसे , इस थाई कृति में कई चरित्रों के नाम संस्कृत नहीं , स्पष्टतः तमिल नाम हैं ( मिसाल के लिए , संस्कृत में ऋष्यशृंग किंतु तमिल में कलाईक्कोटु , जो कि बाद में थाई भाषा में भी ले लिया गया ) ।
- इसके पूर्व ‘ मधेपुरा के स्वाधीनता आन्दोलन का इतिहास , ‘ शैवअवधारणा और सिंहेश्वर ' , ‘ मंत्रद्रष्टा ऋष्यशृंग ' तथा ‘ कोशी अंचल की अनमोल धरोहर ' एवं ‘ अंग लिपि का इतिहास ' जैसे खोजपूर्ण साहित्य अवदान , शलभजी साहित्य ' जगत को दे चुके हैं।
- ऋष्यशृंग के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर प्रात : कालीन कार्यों से निवृत्त होकर गंगा जल से स्नान कर सर्वप्रथम इस दिन अपने घर में ताम्र पत्र में जल भर कर दूब से जल छिड़कें और अपने मंदिर या देवालय में बैठ कर षोडशोपचार से गंगा जी का पूजन करें , गंगाष्टक व गंगास्तोत्र का पाठ करें तथा आरती सहित प्रसाद वितरण करें।