कंठमाला का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कंठमाला की वजह से जख् म होने पर गहरा होगा , तथा जख्म नरम , थुलथुले पर इसके किनारे ऊबड़-खाबड़ मिलेंगे , समान नहीं।
- 1 से 4 ग्राम चोपचीनी के चूर्ण को शहद में मिलाकर खाने से कंठमाला रोग ( गले की गांठे ) समाप्त हो जाती हैं।
- कचनार गूगल जो आयुर्वेद के चिकित्सा ग्रंथों में सर्वत्र लिखा है , इसके निरन्तर प्रयोग करने से कंठमाला समूल नष्ट हो जाता है ।
- यह फेफड़ों और शरीर के दूसरे भागों जैसे कि लसिका पर्व ( ट्यूबरकुलोसिस एडीनाइटिस या कंठमाला (स्क्रोफुला)), त्वचा और हड्डियों को प्रभावित कर सकता है।
- इसके लेप करने से सर्वप्रकार के पुराने जख्म , नासूर , कंठमाला , बवासीर और न फटने वाली गांठें भी ठीक हो जाती हैं ।
- इसके लेप करने से सर्वप्रकार के पुराने जख्म , नासूर , कंठमाला , बवासीर और न फटने वाली गांठें भी ठीक हो जाती हैं ।
- 10 से 20 ग्राम पंवाड की जड़ को नींबू के रस में पीसकर लगाने से कंठमाला ( गले की छोटी-छोटी गांठे ) ठीक हो जाती है।
- गले वा ठोडी पर बड़ी वा छोटी सख्त न घुलने वाली गोल गांठ हो जाती हैं , इनको कंठमाला , गलगंड वा बेल कहते हैं ।
- कंठमाला ठीक करने का गंड ा लाल अपामार्ग की तरोताजा पत्तियों की माला प्रतिदिन पहनने से कंठमाला का रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।
- कंठमाला ठीक करने का गंड ा लाल अपामार्ग की तरोताजा पत्तियों की माला प्रतिदिन पहनने से कंठमाला का रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।