कटीला का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ( ३ ) सन् १ ९ ११ - बलवीर सिंह रंग- भारत प्रसिद्ध हिन्दी कवि का उत्तर प्रदेश के एटा जिलांतर्गत ग्राम नगला कटीला में एक किसान परिवार में जन्म हुआ था ( निधन- सन् १ ९ ८ ४ ) |
- लड़की उदास कदमों से ठहरी लड़के के पास उसके चेहरे पर फैला था आसमान का सूनापन आंखों में उगा हुआ था कटीला जंगल देर तक खामोश रही वह फिर , जैसे धरती के गर्भ से आवाज आई- तुम ठीक कहते थे .
- तमंचा तिहाड़वी एक प्रस्तावित फिल्म-कजरारे नैनोंवाला का टाइटल सॉन्ग लिख रहे हैं - मेरे कजरारे नैना देख तो ले गोरेपन के दिन - रैना देख तो ले हेयर - जैल लगा के मैं गोरा - कटीला मेरी क जरारी मैना देख तो ले
- श्री सुंदर लाल जी “ कटीला ” उन्होने एक बार मुझसे कहा कि “ आप ने कभी सोचा कि मुझ मे और आप मे क्या फर्क है ? ” मैने आंखे बड़ी करते हुए , उत्सुकता के साथ पूंछा क्या फर्क है ?
- गौर हो कि झारखंड के लातेहार जिले में अमुआटिकर गांव के कटीला इलाके में नक्सली माओवादियों द्वारा घात लगाकर सोमवार शाम किए गए हमले के बाद से मुठभेड़ में अब तक सीआरपीएफ के नौ जवानों समेत दस सुरक्षाकर्मियों और तीन नागरिकों की मौत हो चुकी है।
- बुन्देलखण्ड के लोग आभूषण प्रिय भी हैं यहाँ स्त्रियों से सम्बन्धित गहनों में जो प्रचलित हैं उनमें पैरों की उँगलियों में पहने जाने वाले अनौटा , चुटकी , छला , कटीला , गुच्छी , गैंदें , गुटिया , गरगजी , जोडुआ , पाँतें , पाँवपोश , बाँके , बिछिया , आदि प्रमुख है ।
- बुन्देलखण्ड के लोग आभूषण प्रिय भी हैं यहाँ स्त्रियों से सम्बन्धित गहनों में जो प्रचलित हैं उनमें पैरों की उँगलियों में पहने जाने वाले अनौटा , चुटकी , छला , कटीला , गुच्छी , गैंदें , गुटिया , गरगजी , जोडुआ , पाँतें , पाँवपोश , बाँके , बिछिया , आदि प्रमुख है ।
- यह एक आश्चर्यजनक संयोग है कि १ ९ ११ में उत्तर प्रदेश के एटा जिलांतर्गत ग्राम नगला कटीला में एक किसान परिवार में जन्म लेने वाले बलबीर सिंह रंग के साथ स्तरीय कवि सम्मेलनों के मंच पर अच्छी ख्याति अर्जित करने वाले गीतकारों ने कविता पाठ का सुअवसर प्राप्त किया और यह क्रम बरसों तक चलता रहा।
- सच है कि हर सपने को पानी की तरह पीने के गिलास में ढाल लेना संभव नहीं और कामना का कटीला संसार ललचने के लिए नए-नए बहाने ढूँढ ही लेगा . ..बेहतर-से-बेहतर, सुन्दर-से-सुन्दर चीज या स्थिति से बेहतर और सुन्दर वस्तु, व्यक्ति और स्थितियों से ही तो भरा है यह संसार और आदमी का कद इस विशालता के आगे बेहद बौना।
- कांमेस के िलए मध्यूदेश में सत्ता की वापसी का राःता तलाशने आये रष्टर्ीय उपाध्यक्ष राहुल गाँधी को राःता तो िमल गया , लेिकन वह इतना कटीला और दुंकर है िक लहुलुहान हुए िबना मंिज़ल तक नहीं पहुंचा जा सकता | सत्ता में पहुंचना है तो बेशक दिग्गजों का कद छांटना होगा | मध्यूदेश में कांमेस एक दशक से सत्ता से बहार क्यों है ?