कण्ठ्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इंडो-ईरानी परिवार की भाषाओं में पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ते हुए ध्वनियों की प्रकृति कण्ठ्य से तालव्य और फिर दन्त्य में तब्दील हुई है।
- इंडो-ईरानी परिवार की भाषाओं में पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ते हुए ध्वनियों की प्रकृति कण्ठ्य से तालव्य और फिर दन्त्य में तब्दील हुई है।
- ध्यान दीजिये कि ' ख़ ' और ' ख ' दोनों कण्ठ्य ध्वनियाँ हैं और ' ख ' हिंदी में ' ख़ ' से अधिक प्रचलित है।
- अब और आगे चलें तो बचे हुए निम्नलिखित वर्ण इस प्रकार हैं - य्- तालव्य र् , ळ्- मूर्धन्य ल्- दन्त्य व्- दन्तोष्ठ्य ह्- कण्ठ्य (संस्कृत के अनुसार)
- अब और आगे चलें तो बचे हुए निम्नलिखित वर्ण इस प्रकार हैं - य्- तालव्य र् , ळ्- मूर्धन्य ल्- दन्त्य व्- दन्तोष्ठ्य ह्- कण्ठ्य ( संस्कृत के अनुसार )
- अगले भाग में हम देखेंगे स्वर और व्यंजन का उच्चार , उच्चारित होने वाले शब्दों के लिये शरीर के ध्वनि तंत्र का अध्ययन, कण्ठ्य, तालव्य, दन्त्य उच्चार आदि के बारे में जानकारी....
- अगले भाग में हम देखेंगे स्वर और व्यंजन का उच्चार , उच्चारित होने वाले शब्दों के लिये शरीर के ध्वनि तंत्र का अध्ययन, कण्ठ्य, तालव्य, दन्त्य उच्चार आदि के बारे में जानकारी….
- अब और आगे चलें तो बचे हुए निम्नलिखित वर्ण इस प्रकार हैं -य्- तालव्यर् , ळ्- मूर्धन्यल्- दन्त्यव्- दन्तोष्ठ्यह्- कण्ठ्य (संस्कृत के अनुसार)अब तक हम काफ़ी परिभाषायें देख चुके हैं जैसे उच्चारक्रिया (
- जिन लोगों को पहले यह दन्त्य , कण्ठ्य या तालव्य की अवधारणा मालूम नहीं थी, उन्हें अब यह पता चल गया होगा कि इन व्यंजनों को इस प्रकार ही क्यों तालिका में रखा गया है।
- जिन लोगों को पहले यह दन्त्य , कण्ठ्य या तालव्य की अवधारणा मालूम नहीं थी, उन्हें अब यह पता चल गया होगा कि इन व्यंजनों को इस प्रकार ही क्यों तालिका में रखा गया है।