काढ़ना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अगले कुछ महीनों में शिशु वस्तुओं को अपने सही मतलब के लिए इस्तेमाल करने लगेगा - जैसे टूथ ब्रश से बाल न काढ़ना बल्कि दाँत साफ़ करना , कप से दूध या पानी पीना , और फ़ोन पर बड़बड़ाना।
- उनको यहाँ सिलाई , बेलबूटा काढ़ना , सूत का काम , और इसी ढंग से बहुत से और काम सिखलाये जाते थे , और उनसे बहुत थोड़ा काम लेकर , उनके खाने-पीने और कपड़ों का ब्योंत लगाया जाता था।
- इसके द्वारा स्त्रियों को सिलाई , काढ़ना और चित्रकला का कार्य भी सिखाया जाता था और कुछ समय पहले तक इन कक्षाओं में एक हजार से भी अधिक महिलायें , उद्योग- धंधों की शिक्षा- प्राप्त करके स्वावलंबी जीवन व्यतीत करती थी।
- इसके द्वारा स्त्रियों को सिलाई , काढ़ना और चित्रकला का कार्य भी सिखाया जाता था और कुछ समय पहले तक इन कक्षाओं में एक हजार से भी अधिक महिलायें , उद्योग- धंधों की शिक्षा- प्राप्त करके स्वावलंबी जीवन व्यतीत करती थी।
- जब तक पाकिस्तान का मानस व विचारधारा ईमानदारी के साथ शान्ति की कल्पना को स्वीकार नहीं करता तब तक शान्ति के कसीदे काढ़ना भारत को रणनीतिक तौर पर कमजोर ही करेगा न कि इससे कोई वास्तविक सकारात्मक परिणाम निकलने वाला है।
- वैसे तो पहली बार जब जीतू सिवनी आये थे तब राजा जिले के अध्यक्ष तब उन्होंने यह बात नहीं कही और दूसरी बार जब वे आये तो राजा की गैरहाजिरी में भी यह कहना तारीफ में कसीदा काढ़ना था या कुछ औरर्षोर्षो इसे लेकर सियासी हल्कों में चर्चायें जारी हैं।
- पनवाड़ी पत्रकार जो कि लगता है कि सुबह सोकर उठने के बाद बिना मुंह धोए , बाल काढ़े चैनल पर चले आते हैं , कुछ उभरते पत्रकारों को इतना प्रेरित करते हैं कि वे भी उनकी तरह से बाल काढ़ना , दाढ़ी बनाना व मुंह धोना बंद कर देते हैं।
- मेरे बन्धु-बान्धव सदैव सावधान करते हैंः ' बाहर-बाहर मत घूमना मेरे यार सावधान! बाहर-बाहर बाघिन जैसी जीभ निकालें संध्या है, टिमटिमाती व्याघ्र चक्षुओंवालीअर्धरात्री है, बाहर-बाहरप्रागैतिहासिक काल पुनः उतर आया है, अतः बड़े-बूढ़ों द्वारा खींची गयी लक्ष्मणरेखा के बाहर पग मत धरना और पैर काढ़ना भी तो सावधान, सर्वत्र कवच धारण कर केघूमना! पता नहीं, कब कौन बाण मार दे.
- कुलवती स्त्रियों का घर से बाहर पाँव काढ़ना वैसा ही है जैसा साँप के फन पर पाँव रखना अपने घर से किसी दूसरे के घर कभी जाना तो मानो द्वीपांतर में जाना है , उनके मुँह की बोल दूसरे के कान को सुनने के लिये वैसा ही अप्राप् य है जैसा सूम का धन दूसरे को नहीं मिल सकता।
- यथा - घर - आँगन , पूजागृह को साफ़ करना , उनकी सजावट करना , गीत - संगीत के साथ ' रंगोली काढ़ना ' तेल के दीपक जलाना , स्वच्छ वस्त्र पहनना , सुहागिनों व कन्याओं के बालों को विविध रूप में गूँथकर उनमें सुगन्धित पुष्पों के गजरे रखना , तिलक लगाकर मन्दिर में दर्शन करना और तरह - तरह के व्यंजन तैयार करना।