कुलोत्पन्न का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस क्रान्ति महायज्ञ में प्रथम आहुति देने वाले बलिया जनपद के हलद्वीप गाँव के ब्राह्यण कुलोत्पन्न पंडित मंगल पाण्डेय ने 8 अप्रैल 1857 को अपनी शहादत से स्वतन्त्रता का प्रथम दीप जलाया।
- कुछ लोग , जिन्हें यह विश्वास है कि वे मुझे जानते हैं , यह बड़े विश्वास से कहते हैं कि मैं एक कुलीन ब्राह्मण कुलोत्पन्न होकर भी अधार्मिक और नास्तिक हूँ .... इसलिए किसी कलंक से कम नहीं हूँ .
- सामान्यत : यह भी माना जाता है कि ट्रेजेडी या दु:खांत नाटक का नायक उदात्त गुणों से विभूषित और संभ्रांत कुलोत्पन्न होता है, यद्यपि आधुनिक दु:खांत नाटकों में, जिनमें व्यक्ति और समाज का संघर्ष निरूपित होता है, इसके अनेक अपवाद मिलते हैं।
- समीक्षा पुस्तक हेतु भाषा सिहं ने शोध किया है पसीना बहाया है मलीन बस्तीयो के दौरे किये है तथा सिर पर मैला ढोने वाली महिलाओं से बहनापा स्थापित कर साक्षात्कार लिये है यह पुस्तक उन दलित लेखको को बेचैन कर सकती है जिसका मानना है की दलितों पर ईमानदारी से केवल दलित कुलोत्पन्न व्यक्ति ही लिख सकता है .
- रोमहर्षण , क्षत्रिय पिता तथा ब्राह्मणी माता से सूत कुलोत्पन्न, व्यासकृत आद्यपुराण की छह संहिताओं का निर्माता, पुराणकथन के लिए ऋषियों द्वारा गौरवान्वित, अपनी रोमांचित कर देनेवाली वक्तृत्वशक्ति के कारण लोमहर्षण अथवा रोमहर्षण कहलाया जो नैमिषारण्य में शौनक आदि ऋषियों द्वारा आयोजित द्वादशवर्षीय सत्र के क्रम में कथावाचन के समय पधारे बलराम को, व्रतस्थ होने से उत्थापन न दे सकने के कारण आषाढ़ शुक्ल द्वादशी के दिन उनके द्वारा मारा गया।
- इसी तमोगुणी जातीय-भावना ने आगे चलकर आर्य जाति में वंश-मर्यादा और कुलाभिमान को जन्म दिया ये गुण हजारों वर्षों तक आर्य जाति को पतन से बचाते रहे है | मैं ब्राह्मण कुलोत्पन्न अमुक अमुक ऋषि-महर्षि की संतान हूँ , अथवा मैं ब्राह्मण हूँ ” की भावना ने न मालूम कितने हजार वर्ष तक ब्राह्मणों को स्वार्थ , हिंसा , असत्य , अविद्या आदि दुर्गुणों से बचाती रही होगी | जब ब्राह्मणों में ब्राह्मणत्व की भावना लुप्त-प्राय : होने लगी तब उनका पतन भी आरम्भ हो गया |
- विवेकानंद संभवतः अपने समय के अकेले सवर्ण कुलोत्पन्न विचारक थे , जिन्होंने भारत के उच्च वर्ग और सवर्ण समाज को बतौर सामाजिक समूह के ऐसी लगती हुई बातें कहीं , “ शुद्ध आर्य रक्त का दावा करने वालो , दिन-रात प्राचीन भारत की महानता के गीत गाने वालो , जन् म से ही स् वयं को पूज् य बताने वालो , भारत के उच् च वर्गो , तुम समझते हो कि तुम जीवित हो ! अरे , तुम तो दस हजार साल पुरानी लोथ हो … .