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कुशध्वज का अर्थ

कुशध्वज अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. या तो सीरध्वज का मध्यम आयु में देहांत हो गया था या फिर कुशध्वज काफी दीर्घायु थे , क्योंकि सीरध्वज का कोई बेटा न होने के कारण , यानी सीता का कोई भाई न होने के कारण , कुशध्वज ही अपने भाई सीरध्वज के उत्तराधिकारी बने।
  2. राजा दशरथ और जनक ने अपनी वंशावली का पूर्ण परिचय देकर सीता और उर्मिला का विवाह राम और लक्ष्मण से तय कर दिया तथा विश्वामित्र के प्रस्ताव से कुशध्वज की दो सुंदरी कन्याओं मांडवी - श्रुतकीर्ति का विवाह भरत तथा शत्रुघ्न के साथ निश्चित कर दिया।
  3. शतानन्द जी जनवासे में महाराज दशरथ के पास पहुँचे और उनसे आदरपूर्वक बोले , ” महाराजाधिराज ! मिथिला नरेश महाराज जनक अपने कनिष्ठ भ्राता कुशध्वज , परिजनों एवं समस्त मन्त्रियों के साथ आपके दर्शनों के लिये उत्सुक हैं और अपने दरबार में आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।
  4. सुखद संयोग की तरह- दूसरा सन्देसा मिला मन्थरा के ही द्वारा- कि क्षीरध्वज-महाराज जनक- के अनुज कुशध्वज ने भेजा प्रस्ताव था अयोध्या में उनकी तीनों पुत्रियों माण्डवी , उर्मिला और श्रुतिकीर्ति बँध जाएँ वैवाहिक बन्धन में भरत, लखन, शत्रुघन से, और उसे महाराज दशरथ ने दे दी है स्वीकृति भी!
  5. सुखद संयोग की तरह- दूसरा सन्देसा मिला मन्थरा के ही द्वारा- कि क्षीरध्वज-महाराज जनक- के अनुज कुशध्वज ने भेजा प्रस्ताव था अयोध्या में उनकी तीनों पुत्रियों माण्डवी , उर्मिला और श्रुतिकीर्ति बँध जाएँ वैवाहिक बन्धन में भरत , लखन , शत्रुघन से , और उसे महाराज दशरथ ने दे दी है स्वीकृति भी !
  6. तुम्हारे पिता एवं पति कौन हैं ? किस फल की प्राप्ति के लिए तुम यह कठोर टाप कर रही हो ? रावण के इस प्रकार पूछने पर उस यशस्वी तपस्विनी ने अपनी कोमल वाणी में रावण से कहा , ” राजन ! देवगुरु बृहस्पति के परम तेजस्वी पुत्र ब्रह्मर्षि कुशध्वज मेरे पिता जी थे .
  7. रावण द्वारा उनका परिचय पूछे जाने पर वे कहती हैं - ' ' कुशध्वज जो ........ राक्षस पुंगव् '' [ श्लोक ८ - १ ७ , उत्तरकांडे पृष्ठ - ६ ४ ३ , सप्तदश : सर्ग : ] [ अमित तेजस्वी ब्रह्म ऋषि श्रीमान कुशध्वज मेरे पिता थे , जो ब्रहस्पति के पुत्र थे और बुद्धि में भी उन्ही के समान माने जाते थे .
  8. रावण द्वारा उनका परिचय पूछे जाने पर वे कहती हैं - ' ' कुशध्वज जो ........ राक्षस पुंगव् '' [ श्लोक ८ - १ ७ , उत्तरकांडे पृष्ठ - ६ ४ ३ , सप्तदश : सर्ग : ] [ अमित तेजस्वी ब्रह्म ऋषि श्रीमान कुशध्वज मेरे पिता थे , जो ब्रहस्पति के पुत्र थे और बुद्धि में भी उन्ही के समान माने जाते थे .
  9. रावण द्वारा उनका परिचय पूछे जाने पर वे कहती हैं - ' ' कुशध्वज जो ........ राक्षस पुंगव् '' [ श्लोक ८ - १ ७ , उत्तरकांडे पृष्ठ - ६ ४ ३ , सप्तदश : सर्ग : ] [ अमित तेजस्वी ब्रह्म ऋषि श्रीमान कुशध्वज मेरे पिता थे , जो ब्रहस्पति के पुत्र थे और बुद्धि में भी उन्ही के समान माने जाते थे .
  10. रावण द्वारा उनका परिचय पूछे जाने पर वे कहती हैं - ' ' कुशध्वज जो ........ राक्षस पुंगव् '' [ श्लोक ८ - १ ७ , उत्तरकांडे पृष्ठ - ६ ४ ३ , सप्तदश : सर्ग : ] [ अमित तेजस्वी ब्रह्म ऋषि श्रीमान कुशध्वज मेरे पिता थे , जो ब्रहस्पति के पुत्र थे और बुद्धि में भी उन्ही के समान माने जाते थे .
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