कुष्ठरोगी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- लेकिन इन पंक्तियों को देख कर थोड़ा अजीब लगाः “ अंधा , बहरा या मनोरोगी तो नहीं था मैं ” अंधा हो या बहरा या मनोरोगी या कुष्ठरोगी या लैंगिक विकलाँग , सभी को समाज हाशिये से बाहर करता है , सभि का शोषण करता है , सभी के साथ अन्याय होता है .
- जिस देश में करोड़ों लोगों को दो वक्त का खाना न मिल पा रहा हो , पचास फ़ीसदी से अधिक बच्चे कुपोषण के शिकार हों , दुनिया के 40 फ़ीसदी से अधिक लोग अनपढ़ हों , दुनिया के आधे अंधे तथा कुष्ठरोगी बसते हों , जनसंख्या तेज़ रफ़्तार से बढ़ रही हो , वहां महज़ दिखावे के लिए इन खेलों का आयोजन और वह भी भ्रष्ट व्यवस्था के साथ करना अंतहीन निर्लज्जता और हृदयहीनता को दर्शाता है .
- ७ . २ प्राचीन आयुर्वेद का मत है कि कुष्ठरोगी को बारहों महीने नीम वृक्ष के नीचे रहने, नीम के खाट पर सोने, नीम का दातुन करने, प्रात:काल नित्य एक छटाक नीम की पत्तियों को पीस कर पीने, पूरे शरीर में नित्य नीम तेल की मालिश करने, भोजन के वक्त नित्य पाँच तोला नीम का मद पीने, शैय्या पर नीम की ताजी पत्तियाँ बिछाने, नीम पत्तियों का रस जल में मिलाकर स्नान करने तथा नीम तेल में नीम की पत्तियों की राख मिलाकर घाव पर लगाने से पुराना से पुराना कोढ़ भी नष्ट हो जाता है।
- ७ . २ प्राचीन आयुर्वेद का मत है कि कुष्ठरोगी को बारहों महीने नीम वृक्ष के नीचे रहने, नीम के खाट पर सोने, नीम का दातुन करने, प्रात:काल नित्य एक छटाक नीम की पत्तियों को पीस कर पीने, पूरे शरीर में नित्य नीम तेल की मालिश करने, भोजन के वक्त नित्य पाँच तोला नीम का मद पीने, शैय्या पर नीम की ताजी पत्तियाँ बिछाने, नीम पत्तियों का रस जल में मिलाकर स्नान करने तथा नीम तेल में नीम की पत्तियों की राख मिलाकर घाव पर लगाने से पुराना से पुराना कोढ़ भी नष्ट हो जाता है।