कौषीतकी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ऋग्वेद के दो ( ऐतरेय आरण्यक एवं शांखायन अथवा कौषीतकी आरण्यक ) , यजुर्वेद के तीन ( शुक्ल यजुर्वेद का बृहदारण्यक और कृष्ण यजुर्वेद के तैत्तरीय आरण्यक व मैत्रायणी आरण्यक ) तथा सामवेद के छान्दोग्यारण्यक व जैमिनीय आरण्यक हैं।
- विश्वविख्यात दार्शनिक डॉक्टर राधाकृष्णन ने अपनी पुस्तक में भारतीय दर्शन के विविध पक्षों का मानक विवेचन प्रमुख अठारह उपनिषदों ( ईश , केन , मठ , प्रश्न , मुण्डक , माण्डूक्य , श्वेताश्वतर , कौषीतकी , छान्दोग्य , बृहदारण्डक आदि।
- विश्वविख्यात दार्शनिक डॉक्टर राधाकृष्णन ने अपनी पुस्तक में भारतीय दर्शन के विविध पक्षों का मानक विवेचन प्रमुख अठारह उपनिषदों ( ईश , केन , मठ , प्रश्न , मुण्डक , माण्डूक्य , श्वेताश्वतर , कौषीतकी , छान्दोग्य , बृहदारण्डक आदि।
- शायद इन तेरह उपनिषदों के इसी महत्व को देखते हुए आदि शंकराचार्य ने इन्हीं में से दस उपनिषदों पर अपना भाष्य लिखा और जिन शेष तीन यानी कौषीतकी , श्वेताश्वतर और मैत्रायणी पर वे भाष्य नहीं लिख सके , उन्हें उन्होंने अपने शेष भाष्यों में उद्धृत किया है।