कौस्तुभ मणि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पीएक्सवी लॉ पार्टनर्स के वकील कौस्तुभ मणि के अनुसार अधिकतर संगठनों में अब भी कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न : रोकथाम , निषेध और निवारण : अधिनियम , 2013 का पालन करना शुरू नहीं किया गया है।
- सागर में से एक-एक कर चौदह रत्न निकले , विष , वारूणि , पुष्पक विमान , ऐरावत हाथी , उच्चेःश्रेवा अश्व , लक्ष्मी , रम्भा , चन्द्रमा , कौस्तुभ मणि , कामधेनु गाय , विश्वकर्मा , धन्वन्तरि और अमृत कुम्भ ।
- सागर में से एक-एक कर चौदह रत्न निकले , विष , वारूणि , पुष्पक विमान , ऐरावत हाथी , उच्चेःश्रेवा अश्व , लक्ष्मी , रम्भा , चन्द्रमा , कौस्तुभ मणि , कामधेनु गाय , विश्वकर्मा , धन्वन्तरि और अमृत कुम्भ ।
- इस बहुभाषी कवि सम्मेलन के अंतिम सत्र में वरिष्ठ कवि अरुण कमल ( हिन्दी), जसवीर राणा (पंजाबी), उदयचन्द्र झा ‘विनोद' (मैथिली), शिवलाल किस्कू (संताली) डा. कासीम खुर्शीद (उर्दू) और कौस्तुभ मणि सैकिया (असमिया) ने अपनी-अपनी कविताओं के माध्यम से आज के हालात को श्रोताओं के सामने रखा।
- तब ब्रह्मा ने प्रसन्न होकर सर्वोत्तम रत्नों से बना एक हार , शिव ने अखिल ब्रह्माण्ड के लिये दुर्लभ उत्तम मणि, श्री कृष्ण ने सम्पूर्ण रत्नों में श्रेष्ठ कौस्तुभ मणि, राधा ने रत्नाजड़ित अनुपम हार, नारायण ने एक सुन्दर पुष्पमाला और लक्ष्मी ने बहुमूल्य रत्नों के कुण्डल उन्हें पुरस
- उसके बाद कौस्तुभ मणि , धन्वन्तरि , पारिजात , कल्पवृ्क्ष , चार श्वेत दान्तों वाला ऎरावत हाथी , कालकूट विष , कामधेनु गौ , पान्चजन्य शंख , विष्णु धनुष और रम्भादिक देवाँगनाएं तथा अन्त में अमृ्त प्रकट हु आ. ..... बस इस कथा को हम यहीं तक लेते हैं .
- ' ओह! नहीं...मैं तो स्वप्न में भी आपको या आपके प्रवचन की उपेक्षा करने की नहीं सोच सकता...मैं तो अपनी और दुसरे अन्य साधकों की न्यून मानसिकता पर तरस खा रहा हूं, जो कि गुरु मंत्र रुपी 'कौस्तुभ मणि' प्राप्त कर के भी दूसरी अन्य साधनाओं के कंकड़-पत्थरों की पीछे पागल हैं...'
- जो इस प्रकार हैं - 1 ) ऐरावत 2 ) कल्प वृक्ष 3 ) कौस्तुभ मणि 4 ) उच्चैःश्रवा घोडा 5 ) चंद्रमा 6 ) धनुष 7 ) काम धेनु 8 ) रंभा 9 ) लक्ष्मी 10 ) वारुणी 11 ) विष 12 ) शंख 13 ) धन्वतरि 14 ) अमृत ।
- समुद्र मन्थन के दौरान चौदह रत्न हलाहल ( विष ) , कामधेनु , उच्चे : श्रवा ( अश्व ) , ऐरावत हाथी , कौस्तुभ मणि , कल्पद्रुम , रंभा , लक्ष्मी , वारुणी ( मदिरा ) , चन्द्रमा , पारिजात वृक्ष , पांचजन्य शंख , धन्वन्तरि ( चिकित्सक ) और अमृत प्राप्त हुए।
- समुद्र मन्थन के दौरान चौदह रत्न हलाहल ( विष ) , कामधेनु , उच्चे : श्रवा ( अश्व ) , ऐरावत हाथी , कौस्तुभ मणि , कल्पद्रुम , रंभा , लक्ष्मी , वारुणी ( मदिरा ) , चन्द्रमा , पारिजात वृक्ष , पांचजन्य शंख , धन्वन्तरि ( चिकित्सक ) और अमृत प्राप्त हुए।