खण्डग्रास का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- किंतु एक जुलाई आषाढ़ मास कृष्ण पक्ष अमावस्या दिन शुक्रवार को मिथुन राशि के आर्द्रा नक्षत्र पर लगने वाला खण्डग्रास सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
- 4 जनवरी : स्नान-दान-श्राद्ध की भौमवती अमावस्या , वकुला अमावस ( उड़ीसा ) , उत्तर-पश्चिमी भारत में खण्डग्रास ( आंशिक ) सूर्यग्रहण , सूतक 12 घंटे पूर्व प्रारंभ होगा।
- ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा ( 4 जून , सोमवार ) को खण्डग्रास चंद्रग्रहण होगा , यह भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए धार्मिक दृष्टि से भारत में इसकी कोई मान्यता नहीं रहेगी।
- यह ग्रहण माघ कृष्ण पक्ष अमावस्या शुक्रवार को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र मकर राशि पर पड़ रहा है , जो कंकणाकृति ( अँगूठी के आकार ) एवं खण्डग्रास के रूप में देश भर में दिखाई देगा।
- इस वर्ष चन्द्रग्रहण श्रावण पूर्णिमा को 16 / 17 अगस्त 2008 को शनिवार के दिन खण्डग्रास चन्द्रग्रहण घटित होगा यह भारत सहित एशियामहाद्वीप के (उत्तर-पश्चिमभाग को छोड कर) यूरोप, अफ्रीका, आंस्टेलिया,दक्षिण अमेरिका तथा अटंलांटिक महासागर में दिखाई देगा।
- इस वर्ष चन्द्रग्रहण श्रावण पूर्णिमा को 16 / 17 अगस्त 2008 को शनिवार के दिन खण्डग्रास चन्द्रग्रहण घटित होगा यह भारत सहित एशियामहाद्वीप के (उत्तर-पश्चिमभाग को छोड कर) यूरोप, अफ्रीका, आंस्टेलिया,दक्षिण अमेरिका तथा अटंलांटिक महासागर में दिखाई देगा।
- कालिका पूजा ( बंगाल), भारत के पूर्वोत्तर भाग में दृश्य खण्डग्रास सूर्यग्रहण, सिलीगुड़ी-प्रात: 4.47 से 4.52, दार्जलिंग- प्रात: 4.46 से 4.52, कूचबिहार- प्रात: 4.44 से 4.51 बजे तक ग्रहण दिखेगा, सूर्य सायन मिथुन राशि में रात्रि 8.47 बजे, पाक्षिक प्रतिक्रमण (श्वेत.जैन),
- पं केवल आनंद जोशी दिनांक 16 / 17 अगस्त 2008 यानी श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को अर्द्ध रात्रि के बाद संपूर्ण भारत में दिखाई देने वाला चंद्र ग्रहण खग्रास न होकर खण्डग्रास कहलाएगा, क्योंकि यह अपने कुल समय 3 घंटे 10 मिनट तक चंद्रमा को 80 प्रतिशत ढक लेगा।
- सूर्यग्रहण के समय जब चन्द्रमा , सूर्य तथा पृथ्वी के मध्य में आता है और चन्द्रमा , सूर्य का केवल कुछ ही भाग ढ़कता है अर्थात पृथ्वी से सूर्य का केवल छोटा सा भाग ही दिखाई नहीं देता है तब इसे आँशिक अथवा खण्डग्रास सूर्यग्रहण कहते हैं .
- ग्रहण का आपके जीवन और कामकाज पर कैसा प्रभाव रहेगा , इस दौरान कौन से कर्मकांड संपन्न करने चाहिए, प्रस्तुत है इसका विश्लेषण- पं केवल आनंद जोशी दिनांक 16/17 अगस्त 2008 यानी श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को अर्द्ध रात्रि के बाद संपूर्ण भारत में दिखाई देने वाला चंद्र ग्रहण खग्रास न होकर खण्डग्रास कहलाएगा, क्योंकि यह अपने कुल समय 3 घंटे 10 मिनट तक चंद्रमा को 80 प्रतिशत ढक लेगा।