ख़ून ख़राबा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- सामान्यतः हरेक आदमी ( सत्ताधारी गिरोहों तथा उनके आज्ञाकारी चाकरों के अपवादों को छोड़कर ) शांति चाहता है , भोजन और कपड़े चाहता है और जीवन में गरिमा चाहता है ; कोई भी हिंसा या ख़ून ख़राबा नहीं चाहता।
- नैटो की एक प्रवक्ता ने कहा कि गद्दाफ़ी की सत्ता चरमरा रही है और जर्मन की चासंलर एंगेला मर्केल ने कहा कि अच्छा होगा कि और ख़ून ख़राबा से बचने के लिए कर्नल गद्दाफ़ी जितनी जल्दी मुमकिन हो अपनी कुर्सी छोड़ दें .
- यहीं पर मज़हब सिसायत की बिछाई बिसात के बीच कितना लाचार नज़र आता है , जिसके नाम पर ख़ून ख़राबा है , जिसके नाम पर बेगुनाहों की हिंसा है और जिसके नाम पर एक वाजिब लड़ाई भी जो पेट्रोल के लिए अमेरिका उसकी धरती पर खेल रहा है।
- ( 8 ) फ़रिश्तों ने जो बात ज़ाहिर की थी वह थी कि इन्सान फ़साद फैलाएगा , ख़ून ख़राबा करेगा और जो बात छुपाई थी वह यह थी कि ख़िलाफ़त के हक़दार वो ख़ुद हैं और अल्लाह तआला उनसें ऊंची और जानकार कोई मख़लूक़ पैदा न फ़रमाएगा .
- ( 8 ) फ़रिश्तों ने जो बात ज़ाहिर की थी वह थी कि इन्सान फ़साद फैलाएगा , ख़ून ख़राबा करेगा और जो बात छुपाई थी वह यह थी कि ख़िलाफ़त के हक़दार वो ख़ुद हैं और अल्लाह तआला उनसें ऊंची और जानकार कोई मख़लूक़ पैदा न फ़रमाएगा .
- हाल ही में अमरीकी कांग्रेस की एक बहस में भी कहा गया कि अगर चुनाव सही नहीं हुए तो हो सकता है कि जनता सड़कों पर निकल आए , ख़ून ख़राबा हो और पूरे देश में ऐसा माहौल पैदा हो जाए जो अल-क़ायदा जैसी ताकतों के हक में हो.
- हाल ही में अमरीकी कांग्रेस की एक बहस में भी कहा गया कि अगर चुनाव सही नहीं हुए तो हो सकता है कि जनता सड़कों पर निकल आए , ख़ून ख़राबा हो और पूरे देश में ऐसा माहौल पैदा हो जाए जो अल-क़ायदा जैसी ताकतों के हक में हो.
- दुनिया की सारी बुराइयां , अत्याचार , ऊँच नीच , जंगें , ख़ून ख़राबा , वह काम जिनसे इन्सानों का जीना हराम हो गया है , यह सब कुछ इसी घमण्ड , इसी मैं ( अहंकार ) और इसी फ़िरऔन के कारण है जो हम सब के अन्दर है।
- दुनिया की सारी बुराइयां , अत्याचार , ऊँच नीच , जंगें , ख़ून ख़राबा , वह काम जिनसे इन्सानों का जीना हराम हो गया है , यह सब कुछ इसी घमण्ड , इसी मैं ( अहंकार ) और इसी फ़िरऔन के कारण है जो हम सब के अन्दर है।
- मौलाना जी का कहना बिल्कुल सही हें , ये नेता लोग हम हिंदू -मुस्लिम को आपस में लड़ाकार अपनी राजनेती क रोटी या सेक रहे हें ,ऐसे नेताओ को जनता सबक सिखायें ,इन नेताओ ने अपने फ़ायदे के लिए हमारे देश में जातिवाद,भ्रष्टाचार, रिश्वत, ख़ून ख़राबा, आरक्षण, गुंडड़ागर्दी, जैसे भूखे दान वो, को पैदा किया हें जो हमारे देश की जनता को निगल रहा हें