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गंभारी का अर्थ

गंभारी अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. शकर मिलाकर पीने से यह थकावट को नष्ट करता है एवं यह ग्लूकोस का श्रेष्ठ विकल्प है , गंभारी फल , फालसा आदि फल में प्राकृतिक रूप से साइट्रिक एसिड , मेलीक एसिड , प्राकृतिक शर्करा पाए जाते हैं।
  2. शकर मिलाकर पीने से यह थकावट को नष्ट करता है एवं यह ग्लूकोस का श्रेष्ठ विकल्प है , गंभारी फल , फालसा आदि फल में प्राकृतिक रूप से साइट्रिक एसिड , मेलीक एसिड , प्राकृतिक शर्करा पाए जाते हैं।
  3. सूतिका रोग में गंभारी की 20 - 30 ग्राम छाल को 240 मिलीलीटर पानी में उबालें और जब इस काढ़े का चौथाई भाग बच जाए तब इसे रोजाना सुबह-शाम सेवन करें , इससे गर्भाशय की सूजन कम हो जाएगी तथा सूतिका बुखार भी ठीक हो जाएगा।
  4. सामान्य दुर्बलता ( कमजोरी ) , शुक्र दुर्बलता में गंभारी के फल का चूर्ण और मिश्री को एक साथ मिलाकर सुबह-शाम 1 - 1 चम्मच गाय के दूध के साथ सेवन करें तथा बुखार के बाद की दुर्बलता में इसकी छाल का 50 - 100 मिलीमीटर क्वाथ ( काढ़ ) पिलाना लाभकारी होता है।
  5. अशोक , मौलश्री , पारिजात , सदा सुहागन , अगरु , अंकोल , अर्जुन , आरग्वध , आमलकी , कुटज , कचनार , गंभारी , गुग्गुल , देवदारु , वरुण , विभीतक , थिगारू , कदलीफल ( केला ) , श्रीफल ( नारियल ) , जासौंन , पान अदि को घरों में लगाने की वास्तु-शास्त्रीय परंपरा पूर्णतः वैज्ञानिक है।
  6. अशोक , मौलश्री , पारिजात , सदा सुहागन , अगरु , अंकोल , अर्जुन , आरग्वध , आमलकी , कुटज , कचनार , गंभारी , गुग्गुल , देवदारु , वरुण , विभीतक , थिगारू , कदलीफल ( केला ) , श्रीफल ( नारियल ) , जासौंन , पान अदि को घरों में लगाने की वास्तु-शास्त्रीय परंपरा पूर्णतः वैज्ञानिक है।
  7. गंभारी की 2 किलोग्राम छाल को पीसकर 16 किलोग्राम पानी में मिलाकर काढा बना लें , गंभारी की 250 ग्राम छाल को पानी के साथ पीसकर चटनी बना लें या फिर गंभारी के चटनी या काढ़े में 1 किलोग्राम तिल का तेल मिलाकर लें और इसके बाद इस तेल को रुई में भिगोंकर स्तनों पर लगाने से ढीले और लटके हुए स्तन टाईट और सुन्दर हो जाते हैं।
  8. गंभारी की 2 किलोग्राम छाल को पीसकर 16 किलोग्राम पानी में मिलाकर काढा बना लें , गंभारी की 250 ग्राम छाल को पानी के साथ पीसकर चटनी बना लें या फिर गंभारी के चटनी या काढ़े में 1 किलोग्राम तिल का तेल मिलाकर लें और इसके बाद इस तेल को रुई में भिगोंकर स्तनों पर लगाने से ढीले और लटके हुए स्तन टाईट और सुन्दर हो जाते हैं।
  9. गंभारी की 2 किलोग्राम छाल को पीसकर 16 किलोग्राम पानी में मिलाकर काढा बना लें , गंभारी की 250 ग्राम छाल को पानी के साथ पीसकर चटनी बना लें या फिर गंभारी के चटनी या काढ़े में 1 किलोग्राम तिल का तेल मिलाकर लें और इसके बाद इस तेल को रुई में भिगोंकर स्तनों पर लगाने से ढीले और लटके हुए स्तन टाईट और सुन्दर हो जाते हैं।
  10. गंभारी की 2 किलोग्राम छाल को पीसकर 16 किलोग्राम पानी में मिलाकर काढा बना लें , गंभारी की 250 ग्राम छाल को पानी के साथ पीसकर चटनी बना लें या फिर गंभारी के चटनी या काढ़े में 1 किलोग्राम तिल का तेल मिलाकर लें और इसके बाद इस तेल को रुई में भिगोंकर स्तनों पर लगाने से ढीले और लटके हुए स्तन टाईट और सुन्दर हो जाते हैं।
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