गङ्गा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- नगरवासियों को मार्ग में ही रोक कर गुह के घर गये और जटा और वल्कल धारण कर के नौका के द्वारा गङ्गा को पार किया।
- जैसे - पंकज , गंगा, चंचल, कंजूस, कंठ, ठंडा, संत, संध्या, मंदिर, संपादक, संबंध आदि (पङ्कज, गङ्गा, चञ्चल, कञ्जूस, कण्ठ, ठण्डा, सन्त, मन्दिर, सन्ध्या, सम्पादक, सम्बन्ध वाले रूप नहीं)।
- मेरे गुणो के समूहॊ के बारे में , और मेरी लीलाओं के विषय में अविरल सुनते रहने से , चित्तवृत्ति गङ्गा के प्रवाह के समान निर्मल हो जाती है।
- एक नदी कहलाती है और एक नाला , जिसमें गंदा पानी भरा है, किंतु जब दोनों गङ्गाजी में मिल जाते हैं, तब उनका एक-सा रूप होकर गङ्गा नाम पड जाता है।
- जैसे - पंकज , गंगा, चंचल, कंजूस, कंठ, ठंडा, संत, संध्या, मंदिर, संपादक, संबंध आदि (प ङ ्कज, गङ्गा, चञ्चल, कञ्जूस, कण्ठ, ठण्डा, सन्त, मन्दिर, सन्ध्या, सम्पादक, सम्बन्ध वाले रूप नहीं)।
- हम गंगा को गङ्गा अवश्य लिख सकते हैं किन्तु संयम को सञ्यम नहीं लिखा जा सकता क्योंकि संयम शब्द के उच्चारण में “ञ” का प्रयोग न होकर “अं” का होता है।
- एक नदी कहलाती है और एक नाला , जिसमें गंदा पानी भरा है , किंतु जब दोनों गङ्गाजी में मिल जाते हैं , तब उनका एक-सा रूप होकर गङ्गा नाम पड जाता है।
- अब भले ही गङ्गा शब्द दिखने में कितना ही अजीबोगरीब क्यों न दिखाई दे वह है तो सही वर्तनी न ? गंगा को में गन्गा या गम्गा क्यों नहीं पढ़ सकता ? दरसल इस सन्दर्भ में मुझे एक बहुत ही रोचक किस्सा याद आ गया है।
- जैसे - पंकज , गंगा , चंचल , कंजूस , कंठ , ठंडा , संत , संध्या , मंदिर , संपादक , संबंध आदि ( पङ्कज , गङ्गा , चञ्चल , कञ्जूस , कण्ठ , ठण्डा , सन्त , मन्दिर , सन्ध्या , सम्पादक , सम्बन्ध वाले रूप नहीं ) ।
- जैसे - पंकज , गंगा , चंचल , कंजूस , कंठ , ठंडा , संत , संध्या , मंदिर , संपादक , संबंध आदि ( पङ्कज , गङ्गा , चञ्चल , कञ्जूस , कण्ठ , ठण्डा , सन्त , मन्दिर , सन्ध्या , सम्पादक , सम्बन्ध वाले रूप नहीं ) ।