गुंजान का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- >होता था एक पेड़ कभी इस गली में नुक्कड़ पर बैठते थे फेरीवाले पानी की खुली नालियों से बहता था गुंजान घरों का जीवित मैला कोई पुकारता था आके सवेरे की उठो जागो आज के दिन की सौगातें लाया हूँ अपनी अपनी झोली भर ले जाओ
- उसे तो कभी-कभी शाल्मली केमाता-पिता पर आश्चर्य होता कि पुश्तों से दिल्ली में रहकर भी इतना सीधा-साधारहन सहन है और तो और दिल्ली के उस गुंजान इलाके में केवल तीन कमरो का छोटा-सामकान ही बना पाए ? नरेश के दिमाग मे भविष्य की नई-नई स्कीमें जन्म लेने लगी थीं.
- अभी तक यहां शहर की तौसीह ( वृद्धि) की कोशिश नहीं की गई, क्योंकि जहां तौसीह की सबसे ज्यादा जरूरत है, वहां आबादी इतनी गुंजान (सघन) है और इमारतें ऐसी पुख्ता कि वहां गलियों को चौड़ा करने या सैरगाह कायम करने की कोशिश कुबूलियत की निगाह से न देखी जाएगी।
- ( हम हशमत , पृष् ठ 72 ) वे यहीं ठहर नहीं जातीं बल् कि पुरअसर लहजे में आगे कहती हैं कि ' उनके भाषायी गुंजान में ऐसी शाब् दिक आकृतियॉं , आवृत् तियॉं झलकती तैरती हैं जो लंबे समय से भारतीय मानस के सचेत संवेदन में उमगती-उभरती रही हैं .
- और हमने ही रात को पर्दा की चीज़ बनाया , और हमने ही दिन को मुआश का वक़्त बनाया , और हम ही ने तुम्हारे ऊपर सात मज़बूत आसमान बनाए , और रौशन चराग बनाया , और हम ही ने पानी भरे बादलों से कसरत से पानी बरसाया , ताकि हम पानी के ज़रीया गल्ला और सब्जी और गुंजान बाग पैदा करें .
- नहीं है अगर उन में बारिश हवा नहीं है अगर उन में बारिश हवा उठा बादलों की नुमाइश हवा गहे बर्फ है गाह आतिश हवा तुझे क्यूँ है दिल्ली से रंजिश हवा मैं गुंजान शहरों का मारा हुआ नवाज़िश नवाज़िश नवाज़िश हवा तेरे साथ चलने की आदत नहीं हमारी न कर आज़माइश हवा शिकस्ता सफ़ीना मुसाफिर निढाल तलातुम शब-ए-तार बारिश हवा अब अश्क ओ तपिश चश्म ओ दिल में नहीं थे यक-जा कभी आब ओ आतिश हवा