गुडी पड़वा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- महाराष्ट्र में गुडी पड़वा के रुप में मार्च-अप्रैल के महीने में मनाया जाता है , कन्नड़ नव वर्ष उगाडी कर्नाटक के लोग चैत्र माह के पहले दिन को मनाते हैं, सिंधी उत्सव चेटी चंड, उगाड़ी और गुडी पड़वा एक ही दिन मनाया जाता है।
- स्थानीय संपादक सुधांशु शेखर झा ने समाचार4मीडिया से बात करते हुए कहा “प्रकाशन नवरात्री के पहले दिन जिसे मराठी लोग गुडी पड़वा के रुप में मनाते है , से संभावित है, हमारा महानगर पुणे और नासिक के बाद लखनऊ और गोरखपुर से भी प्रकाशित होगा।
- 23 मार्च का दिन था और गुडी पड़वा ( हिन्दू नव वर्ष ) का त्यौहार , आप सब जानते ही होंगे की गुडी पड़वा महाराष्ट्र का ही त्यौहार है और महाराष्ट्र में इसे बहुत ही धूम धाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है .
- 23 मार्च का दिन था और गुडी पड़वा ( हिन्दू नव वर्ष ) का त्यौहार , आप सब जानते ही होंगे की गुडी पड़वा महाराष्ट्र का ही त्यौहार है और महाराष्ट्र में इसे बहुत ही धूम धाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है .
- पिछली पोस्ट में मैंने आपको बताया था की किस तरह से हम सुबह से महालक्ष्मी मंदिर के दर्शनों के लिए निकले थे और गुडी पड़वा का त्यौहार होने की वजह से अत्यंत भीड़ थी और हमने हाजी अली दरगाह की ओर रुख कर लिया था .
- महाराष्ट्र में गुडी पड़वा के रुप में मार्च-अप्रैल के महीने में मनाया जाता है , कन्नड़ नव वर्ष उगाडी कर्नाटक के लोग चैत्र माह के पहले दिन को मनाते हैं , सिंधी उत्सव चेटी चंड , उगाड़ी और गुडी पड़वा एक ही दिन मनाया जाता है।
- महाराष्ट्र में गुडी पड़वा के रुप में मार्च-अप्रैल के महीने में मनाया जाता है , कन्नड़ नव वर्ष उगाडी कर्नाटक के लोग चैत्र माह के पहले दिन को मनाते हैं , सिंधी उत्सव चेटी चंड , उगाड़ी और गुडी पड़वा एक ही दिन मनाया जाता है।
- पिछली पोस्ट में मैंने आपको बताया था की किस तरह से हम सुबह से महालक्ष्मी मंदिर के दर्शनों के लिए निकले थे और गुडी पड़वा का त्यौहार होने की वजह से अत्यंत भीड़ थी और हमने हाजी अली दरगाह की ओर रुख कर लिया था .
- नव्दिवस , नव्मास नववर्ष और नव उल्लास लिए फागुन गया चैत्र आया संग खुशियों का आभास लिए शुभ हर घड़ी है आज संग शगुनो का वास लिए करे नवारम्भ इस वर्ष का मन में विपुल विश्वास लिए सुखी रहें निरोगी रहें किसी विपदा से न सामना हो गुडी पड़वा तथा नवसंवत्सर पर 'दुष...
- नव्दिवस , नव्मास नववर्ष और नव उल्लास लिए फागुन गया चैत्र आया संग खुशियों का आभास लिए शुभ हर घड़ी है आज संग शगुनो का वास लिए करे नवारम्भ इस वर्ष का मन में विपुल विश्वास लिए सुखी रहें निरोगी रहें किसी विपदा से न सामना हो गुडी पड़वा तथा नवसंवत्सर पर 'दुष