चिताग्नि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- परियों का देश चंदा मामा था तुझे निहारते हुए कई सपने देखे थे हर सपने कि लाश सा नजर आता है तू तेरी चाँदनी में बैठ हम खेलें थे चाँदनी अब यादों कि चिताग्नि सी लगती है तेरी रौशनी पसंद नहीं अँधेरा हीं अब भाता है खिड़की खोलते तू क्यूँ सामने आ जाता है ?
- मालूम होता है , जैसे चावल के परमाणु निकलने के रास्ते और साधन हैं जिन्हें हम देख न सकने पर भी मानते हैं , नहीं तो व्यवस्था न हो के गड़बड़ी हो जाती ; वैसे ही शरीरदाह के बाद उत्तरायण मार्ग में चिताग्नि की ज्योति और दक्षिणायन में उसका धुआँ मृतात्मा की सूक्ष्म देह को ले चलने का श्रीगणेश करते हैं।
- मुंह झुकाकर देखा , महामाया के अवगुंठन-से हीन चेहरे पर चन्द्रज्योत्स्ना आ पड़ी है , लेकिन ! हाय ! यह क्या ? वह चिरपरिचित पुरुष के समान खिला हुआ चेहरा कहां गया ? चिताग्नि की शिखा अपनी विकराल लहराती हुई जिह्ना से महामाया के बायें कपोल का थोड़ा-सा सौन्दर्य चाटकर वहां सदैव के लिए अपनी राक्षसी भूख का अमिट चिन्ह छोड़ गई है।
- मुंह झुकाकर देखा , महामाया के अवगुंठन-से हीन चेहरे पर चन्द्रज्योत्स्ना आ पड़ी है , लेकिन ! हाय ! यह क्या ? वह चिरपरिचित पुरुष के समान खिला हुआ चेहरा कहां गया ? चिताग्नि की शिखा अपनी विकराल लहराती हुई जिह्ना से महामाया के बायें कपोल का थोड़ा-सा सौन्दर्य चाटकर वहां सदैव के लिए अपनी राक्षसी भूख का अमिट चिन्ह छोड़ गई है।
- आवेश में आ कर खड़े हो गये पार्थ , ' उस पापी जयद्रथ का वध कल सूर्यास्त तक नहीं कर दिया तो मैं स्वयं को चिताग्नि में भस्म कर डालूँगा ! ' पाँचाली अवाक् , चारों भाई हतप्रभ , ' अरे यह क्या किया ? ' ' बस , अब कल यही होना है . ' . भाइयों की सांत्वना काम नहीं कर रही , पितृ-हृदय की वेदना किसी प्रकार शान्त नहीं होती .