चीरी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मैंने स्नेहा की टाँगे चीरी और बीच में बैठ कर लण्ड को स्नेहा की चूत के छेद पर रख कर अपना मुँह उसके बोबे तक लाकर चूसने लगा , दूसरे हाथ से उसके बोबे दबाने लगा और बदन भी सहलाने लगा।
- हालाँकि नगण्य हूँ मैं , तुच्छ हूँ वट-वृक्षों के समाज में तो भी मेरी इस नन्हीं-सी देह में बजती है छुपी हुई मर्मर ध्वनि चीरी है मिट्टी मैंने , देखा है उजाले का आना-जाना , इसीलिए मेरी जड़ों में है जंगल की विशाल चेतना।
- जब तक आरे से चीरी हुई लकड़ी नहीं मिलेगी या टेनरी से कमाया हुआ चमड़ा नहीं आएगा , तब तक उनके पास कोई काम नहीं होगा और बाद में भी जिस काम को करने के लिए वे नियत हैं, उससे आगे या पीछे क्या करना होगा, इसकी जरा भी जानकारी उन्हें नहीं है.
- हुई शांत सांसे जैसे थमी लहर किनारे से निराश हो उठा मन ज्यों भिखमंगा धनी द्वारे से भभक उठी आग तन की ज्वाला जैसे फौव्वारे से लगी तड़पने वासना जैसे चीरी गयी हो आरे से व्रिद्धावास्था सी दयनीय , लाचार , हुई अशांत जवानी जिसको व्यक्त न कर सकी अभी तक मेरी मृदु बानी ..
- ईसा के पंख सब / झड़ गये झाड़े गये / सत्य की देवदासी-अंगिया / उतारी गयी / उघारी गयी / सपनों की आँतें सब / चीरी गयीं , फाड़ी गयीं / बाक़ी सब खोल है / ज़िन्दगी में झोल है '' .... नगर की व्यथाएँ , समाजों की कथाएँ / मोर्चों की तड़प और मकानों के मोर्चे / मीटिंगों के मर्म-राग , अंगारों से भरी हुई प्राणों की गर्म राख।
- नबी सल्लललाहो अलैहे वसल्लम ने फ़रमाया - जिन लोगो को जहन्नम मे अज़ाब दिया जा रहा था इनमे से एक आदमी के जबड़ो और बाछो को गुद्दी तक चीरा जा रहा था , इसकी नाक के नथने भी गुद्दी तक चीरे जा रहे थे , और इसकी आंखे भी गुद्दी तक चीरी जा रही थी | नबी सल्लललाहो अलैहे वसल्लम के पूछने पर हज़रत जिब्रील ने फ़रमाया - ये आदमी सुबह अपने घर से निकलता और झूट बोलता जो दुनिया के किनारो तक फ़ैल जाता | ( बुखारी व मुस्लिम )