चेतन जगत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कर्म इसमें संदेह नहीं कि-कार्य-कारण का ही नियम है , परन्तु भेद सिर्फ इतना है कि “कार्य-कारण” जड जगत का और “कर्म” चेतन जगत का नियम है.
- इसी प्रकार चेतन जगत का समस्त क्रिया-कलाप सावित्री और गायत्री के , भौतिकी और आत्मिकी के , संयुक्त प्रयास से ही चलना प्रत्यक्ष है ।
- और अगर बुद्ध चुप रह गये तो उनका होना , न - होना इस विराट चेतन जगत के लिए किसी संबंध का न रह जाएगा।
- वह मन ही मन भौतिक और चेतन जगत के बारे में गूढ़ प्रश्न करता मगर खिड़की पर खड़ा अजनबी साया उसके शरीर को झुलसा देता .
- प्रथम प्रश्न में जीव ( आत्मा) को ब्राह्मण मानने का विरोध करता हैं क्योंकि जीव तो जन्म-जन्मान्तर से एक ही हैं और सभी चेतन जगत में एक ही हैं।
- यदि हम अधीर न हों तो आगे चलकर जब चेतन जगत के मूल- तत्त्वों पर विचार कर सकने की क्षमता मिलेगी तो आत्मा और परमात्मा का अस्तित्व भी प्रामाणिक होगा ।।
- उपभोक्ता समाज में यह शक्ति होती है कि वह मनुष्य के शारीरिक और मानसिक श्रम से उत्पन्न तमाम चीजों के साथ-साथ मनुष्य के विचारों , भावनाओं तथा संपूर्ण जड़ और चेतन जगत से उसके संबंधों को भी बेची और खरीदी जाने वाली चीजें बना दे।
- इस संसार का तमाम जड़ एवं चेतन जगत ग्रेह्हो से प्रभावित होता है कुछ पूर्वाचार्यो का तो यह तक मन्ना है की देव लोक अविम पातळ लोग के वासी भी ग्रहो के अछे-बुरे भोग भोगते है , इस स्थिति में कोई स्यासी पार्टी जिसमे हजारो लोगो का हित-अहित है वहे ग्रहो
- हमारे प्राचीन ऋषि मुनि इस तथ्य से भली-भाँति परिचित थे कि “ जड़ जगत ” यानी भूमि , जल , पहाड़ , वायु , वनस्पतियों , वन्यजीव , नदी-नाले एवं “ चेतन जगत ” यानी मनुष्य के पारस्परिक समानुपातिक सामंजस्य से ही पर्यावरण तथा पारिस्थितिकी तन्त्र में संतुलन कायम रहता है।
- कांग्रेस पर शनि की ढहिय इस संसार का तमाम जड़ एवं चेतन जगत ग्रेह्हो से प्रभावित होता है कुछ पूर्वाचार्यो का तो यह तक मन्ना है की देव लोक अविम पातळ लोग के वासी भी ग्रहो के अछे-बुरे भोग भोगते है , इस स्थिति में कोई स्यासी पार्टी जिसमे हजारो लोगो का हित-अहित है वहे ग्रहो