च्यूंटी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- और अगर तुम फ़िक्रर के तमाम रास्तों को तय करके इसकी इन्तेहा तक पहुंचना चाहोगे तो एक ही नतीजा हासिल होगा के जो च्यूंटी का ख़ालिक़ है वही दरख़्त का भी परवरदिगार है।
- खाने का कुछ हिसाब बताती और आखिर में ये ज़रूर कहती च्यूंटी के अंडे भर तो तुम खाते हो तुम्हारा खर्च ही क्या ? इस पर मैं हंस पड़ता फिर घूमने निकल जाता .
- चारों तरफ उठने लगा शोर पहचानो … पहचानो कौन हैं ये क्या उसे नही मालूम हमारी दया पर टिका है उसका वजूद बता दो संभल जाए वरना च्यूंटी की तरह मसल दिया जायेगा उसे …
- न फ़िज़ाओं में हवा के झक्कड़ मख़फ़ी हैं और न पत्थरों पर च्यूंटी के चलने की आवाज़ और न अन्धेरी रात में उसकी पनाहगाह , वह पत्तों के गिरने की जगह भी जानता है और आंख के दज़दीदा इषारे भी।
- काटता है च्यूंटी तुम्हारी सूरज हर रोज़ चमक कर छेदती है तुझे बर्फ़ीली हवाएँ और तपती आँधियाँ बहक कर छोड़ दो नशा-ए-गुरूर तुम राज़-ए-हकीकत समझ कर कही थी यह बात एक जाहिल से एक ज़हीन ने पुकारा था पहाड़ को ज़मीन ने …… .
- मुझे नहीं पता मैं पहली बार कब रोया था हालांकि मुझे बताया गया कि पैदा होने के बाद भी मैं खुद नहीं रोया बल्कि नर्स द्वारा च्यूंटी काटकर रुलाया गया था ताकि भरपूर जा सके ऑक्सीजन पहली बार हवा का स्वाद चख रहे मेरे फेफड़ों तक
- मुझे नहीं पता मैं पहली बार कब रोया था हालांकि मुझे बताया गया कि पैदा होने के बाद भी मैं खुद नहीं रोया बल्कि नर्स द्वारा च्यूंटी काटकर रुलाया गया था ताकि भरपूर जा सके ऑक्सीजन पहली बार हवा का स्वाद चख रहे मेरे फेफड़ों तक
- मुझे नहीं पता मैं पहली बार कब रोया था हालांकि मुझे बताया गया कि पैदा होने के बाद भी मैं खुद नहीं रोया बल्कि नर्स द्वारा च्यूंटी काटकर रुलाया गया था ताकि भरपूर जा सके ऑक्सीजन पहली बार हवा का स्वाद चख रहे मेरे फेफड़ों तक मुझे अकसर लगता है कि मैं शायद पहली [ ...]
- और पाक व पाकीज़ा है वह ज़ात जिसने च्यूंटी और मच्छर से लेकर इनसे बड़ी मछलियों और हाथियों तक के पैरों को मज़बूत व मुस्तहकम बनाया है और अपने लिये लाज़िम क़रार दे लिया है के कोई ज़ीरूह ढांचा हरकत करेगा मगर यह के उसकी असल वादागाह मौत होगी और उसका अन्जाम कार फ़ना होगा।
- ख़ुदा गवाह है के अगर मुझे हफ़्ताक़लीम की हुकूमत तमाम ज़ेरे आसमान दौलतों के साथ दे दी जाए और मुझसे यह मुतालबा किया जाए के मैं किसी च्यूंटी पर सिर्फ़ इस क़द्र ज़ुल्म करूँ के उसके मुंह से उस छिलके को छीन लूँ जो वह चबा रही है तो हरगिज़ ऐसा नहीं कर सकता हूँ।