छांदोग्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ;१ . गद्यात्मक उपनिषद् १. ऐतरेय, २. केन, ३. छांदोग्य, ४. तैत्तिरीय, ५. बृहदारण्यक तथा ६.
- छांदोग्य उपनिषद् ( 7/1/2-3) में नारद-सनत्कुमार-संवाद मे भी इसी पार्थक्य का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
- मुख्य उपनिषदें हैं- ईश , केन, कठ, प्रश्न, मुंडक, मांडूक्य, तैत्तिरीय, ऐतरेय, छांदोग्य, बृहदारण्यक और श्वेताश्वर।
- जान पड़ता है कि छांदोग्य के रचयिता का गंधार से विशेष रूप से परिचय था।
- जान पड़ता है कि छांदोग्य के रचयिता का गंधार से विशेष रूप से परिचय था।
- छांदोग्य उपनिषद् में भी लिखा है कि इतिहास पुराण वेदों में पाँचवाँ वेद है ।
- छांदोग्य आदि उपनिषदों में अध्यात्म , अधिभूत और अधिदैव या आधिदैवत शब्द तो पाए जाते हैं।
- छांदोग्य उपनिषद ( 3,17,6), जिसमें देवकी पुत्र कृष्ण का उल्लेख है और उन्हें घोर आंगिरस का शिष्य कहा है।
- ↑ छांदोग्य उपनिषद ( 3,17,6), जिसमें देवकी पुत्र कृष्ण का उल्लेख है और उन्हें घोर आंगिरस का शिष्य कहा है।
- छांदोग्य उपनिषद् समवेदीय छांदोग्य ब्राह्मण का औपनिषदिक भाग है जो प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है।