छाक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- देवर तेजाजी के गुस्से को भावज झेल नहीं पाई और काम से भी पीड़ित थी , उसने चिढने के लहजे में कहा - एक मन पीसना पीसने के पश्चात उसकी रोटियां बनाई , घोड़ी की खातिर दाना डाला , फिर बैलों के लिए चारा लाई और तेजाजी के लिए छाक लाई परन्तु छोटे बच्चे को झूले में रोता छोड़ कर आई , फिर भी तेजा को गुस्सा आये तो तुम्हारी जोरू जो पीहर में बैठी है .
- ‘ छाक ' , ‘ मैमूद ' , ‘ दो दुखों का एक सुख ' , ‘ शरण्य की ओर ' , ‘ अहिंसा ' , ‘ पोस्टमैन ' , ‘ हलाल ' , ‘ वृत्ति ' , ‘ मिट्टी ' , ‘ अर्धांगिनी ' , ‘ माता ' , ‘ गोपुली गफूरन ' , ‘ सावित्री ' , ‘ इब्बू मलंग ' , ‘ प्यास ' और ‘ प्रेत - मुक्ति ' आदि कहानियाँ आम जीवन के दैनिक नरक की कहानियाँ हैं।