छान्दोग्य उपनिषद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उपनिषदों के काल में ही कुछ कृत्य अवश्य प्रचलित थे , जैसा कि छान्दोग्य उपनिषद * से ज्ञात होता है।
- अन्य सभी इन्द्रियों से ' प्राण ' ही सर्वश्रेष्ठ ह॥ छान्दोग्य उपनिषद के पांचवे अध्याय में भी इसका वर्नन है।
- श्री कृष्ण एक ऐतिहासिक पुरुष हुए हैं , इसका स्पष्ट प्रमाण हमें छान्दोग्य उपनिषद के एक उल्लेख में मिलता है।
- पांचवीं दुर्गा स्कन्दमाता श्रुति और समृद्धि से युक्त छान्दोग्य उपनिषद के प्रवर्तक सनत्कुमार की माता भगवती का नाम स्कन्द है।
- आंगिरस धारा के ही हैं देवगुरु वृहस्पति और ऋषिशिरोमणि भृगु भी ! छान्दोग्य उपनिषद में देवकीपुत्र कृष्ण को घोर आंगिरस का शिष्य बताया गया है।
- आंगिरस धारा के ही हैं देवगुरु वृहस्पति और ऋषिशिरोमणि भृगु भी ! छान्दोग्य उपनिषद में देवकीपुत्र कृष्ण को घोर आंगिरस का शिष्य बताया गया है।
- इषीका को मुञ्ज से अलग करने की अथवा उसको विकसित करने की विधि क्या हो सकती है , इसका संकेत छान्दोग्य उपनिषद ५ .
- छान्दोग्य उपनिषद ४ / १७/१०) इस प्रकार ब्रह्मा भी वेदों का उद्गाता होने के कारण सब विद्याओं का स्रोत है इसीसे सरस्वती उसकी पुत्री वाग्देवी है।
- इन बृहदारण्यक उपनिषद तथा छान्दोग्य उपनिषद के द्वारा इस जीवात्मा को निराकार ब्रह्म से अभिन्न स्थापित करने का प्रयत् न shankarachary ने किया है ।
- छान्दोग्य उपनिषद में उद्दालक -अरुणि ने गंधार का , सद्गुरु वाले शिष्य के अपने अंतिम लक्ष्य पर पहुंचने के उदाहरण के रूप में उल्लेख किया है।