जगन्नाथ धाम का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पुरी एक ऐसा स्थान है जिसे हजारों वर्षों से कई नामों - नीलगिरी , नीलाद्रि , नीलाचल , पुरुषोत्तम , शंखश्रेष्ठ , श्रीश्रेष्ठ , जगन्नाथ धाम , जगन्नाथ पुरी - से जाना जाता है।
- इसी कारण शिवरीनारायण को छत्तीसगढ़ का जगन्नाथ धाम कहा जाता है और शिवरीनारायण द र्शन के बाद राजिम का द र्शन करना आव यक माना गया है क्योंकि राजिम में “साक्षी गोपाल” विराजमान हैं।
- ओडिशा में पुरी के जगन्नाथ धाम को नीलांचल धाम , श्रीक्षेत्र, पुरुषोत्तम क्षेत्र, शंख क्षेत्र आदि से भी जाना जाता है। जनश्रुति है कि सतयुग में अवंती नगरी के राजा इंद्रद्युम्न विष्णु के परम भक्त थे।
- अकेले हरिद्वार तीर्थ की ही बात की जाए , जगद्गुरू रामानंदाचार्य के रूप में घनश्याम भवन के अधिष्ठाता रामाधार दास महाराज, जगन्नाथ धाम के अधिष्ठाता हंसदेवाचार्य महाराज तथा नृसिंह धाम के अधिष्ठाता अयोध्या दास को जगद्गुरू रामानंदाचार्य का दर्ज प्राप्त है।
- यद्यपि अनुश्रुति में वर्णित मंदिर का आज कहीं अस्तित्व नहीं मिलता है लेकिन जो मंदिर आज जगन्नाथ धाम से ख्यात है उसका निर्माण कार्य 12 वीं सदी में गंग साम्राज्य के शक्तिशाली नरेश अनंतवर्मन के द्वारा आरंभ करवाया गया था।
- कुम्भ मेला सकुशल सम्पन्न होने के उपलक्ष में कल ( आज) सांय ७ बजे श्री स्वामी जगन्नाथ धाम ट्रस्ट एवं स्वामी जगन्नाथ सेवक मण्डल के संयुक्त तत्वाधान में विशाल सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पुलिस महानिदेशक, आई०जी०, डी०आई०जी०, मेलाधिकारी तथा कुम्भ मेले से जुडे स्थानीय तथा राज्य स्तरीय अधिकारियों को [...]
- जिस प्रकार राजा-महाराजा , जमींदार , मालगुजारों ने रतनपुर की महामाया देवी और सम्बलपुर की समलेश्वरी देवी को अपने नगरों में ' कुलदेवी ' के रूप में प्रतिष्ठित किया है , वैसे ही जगन्नाथ धाम की यात्रा करके भगवान जगन्नाथ , बलभद्र और सुभद्रा जी की विग्रह मूर्तियों को अपने नगरों में स्थापित कर पुण्य लाभ प्राप्त करते रहें हैं।
- स्थान - पुरी भारत के उडीसा प्रान्त का एक जिला है . भारत के चार पवित्रतम स्थानों में से एक है पुरी, जहां समुद्र इस शहर के पांव धोता है.कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति यहां तीन दिन और तीन रात ठहर जाए तो वह जीवन-मरण के चक्कर से मुक्ति पा लेता है.यहाँ विश्व का सबसे बड़ा समुद्री तट है.पुरी एक ऐसा स्थान है जिसे हजारों वर्षों से कई नामों - नीलगिरी, नीलाद्रि, नीलाचल, पुरुषोत्तम, शंखश्रेष्ठ, श्रीश्रेष्ठ, जगन्नाथ धाम, जगन्नाथ पुरी - से जाना जाता है.
- जागरण संवाददाता , पुरी: ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर पवित्र स्नान करते महाप्रभु को दर्शन करने की लालसा लेकर श्री जगन्नाथ धाम पुरी पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब हिलोर मार रहा है। इस दौरान श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने व सुरक्षा के लिए प्रशासन की तरफ से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। साल भर मंत्र स्नान करने वाले श्री जगन्नाथ सहित चतुर्धामूर्ति को रविवार को 108 कलश के जल से स्नान कराया गया। महाप्रभु के स्नान यात्रा अनुष्ठान और चतुर्धामूर्ति को गजवेश में देखने के लिए दूर-दूर से पहुं