जटामांसी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यह समझ में बात नहीं आयी कि पेट के रोग में जटामांसी का प्रयोग क्यों ?
- जटामांसी का पौधा होता है , जिसका तना 10 से 60 सेमी तक लम्बा होता है।
- जटामांसी डेढ़ ग्राम , दालचीनी 150 मिलीग्राम , कपूर 30 मिलीग्राम सुबह-शाम गर्म दूध से लें।
- - मैं बहुत दिनों से जटामांसी के बारे में लिखना चाह रही थी लेकिन कुछ तो
- पीपल , खस्र, जटामांसी, लोद इलायची संचर नमक, सुगंध वालाकेवटी मोथा तथा सोनामेरू समान भाग मिलाकर चूर्ण बनावें.
- जटामांसी दिमाग की टूट-फ़ुट को दुरुस्त करती है तथा शंखपुष्पी की खासियत सोच क्षमता बढ़ने की है।
- इसे जटामांसी इसलिए कहा जाता है , क्योंकि इसकी जड़ में बाल जैसे तन्तु लगे होते हैं।
- बाद में इस चटनी में 5 - 5 ग्राम ब्राह्मी , शंखपुष्पी तथा जटामांसी का चूर्ण मिला लें।
- chhuटकी की लम्बी कहानी अच्छी लगी , प्रतीक को जटामांसी [एक आयुर्वेदिक जडी] दो ,वह ज़ल्दी ठीक हो जाएगा
- इसमें जटामांसी व छरीला 3 - 3 ग्राम , इलायची और कायफल 1.5 ग्राम पीसकर मिलाकर नस्य लें।