जन साहित्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस आंदोलन की व्यापकता के फलस्वरूप हिन्दी कविता में क्रांतिकारी वाम चेतना से लैस कविता के तीसरे संसार की उत्पत्ति हुई जिसने पिछले शीतयुद्धीय और पूंजीवादी राजनीति से प्रभावित , दिग्भ्रमित और दिशाहीन साहित्यांदोलनों के जाल को काटा और प्रगतिशीलता और जनवादी कार्य का न केवल विस्तार किया बल्कि जन कला और जन साहित्य के नये प्रतिमान रच कर उसे नये मायने भी दिये .
- जहाँ कही भी मैं कविता मे देखता हूँ , कवि , तपे तपाए हुए शब्दो में कही भी किसी तरह का अभिनय , चाटुकारिता , दिखावा , अनर्गल प्रलाप या , व्यर्थ के अर्थ खोजता हुआ नही लगता बल्कि , वह सीधे और सपाट शब्दों से केवल वह सच देखता है , जो एक राष्ट्र के परिपक्व जिम्मेदार जन साहित्य चेतना के प्रहरी कवि को देखना चाहिये।
- तो अगर तथाकथित भारतीय मनीषी “ अतिसंवेदनशील लेखकों ” , “ युगदृष्टा विचारकों ” और तथाकथित वामपन्थी बुद्धिजीवियों की तमाम किस्में इस फिल्म की वाह - वाही में तमाम दैनिक अखबारों में पोंक मारा है , तो इसमें ताज़्जुब की क्या बात ? ‘ गाँधीगीरी ' के समक्ष चरण वन्दना करने में लोक - संस्कृति , जन साहित्य , आमजन की इच्छा का प्रतिनिधित्व करने वाले साहित्य का सृजन का दावा करने वाले “ बौद्धिकों ” की कायरता और नपुंसकता का अखिल भारतीय प्रदर्शन होता नजर आया।
- तो अगर तथाकथित भारतीय मनीषी “ अतिसंवेदनशील लेखकों ” , “ युगदृष्टा विचारकों ” और तथाकथित वामपन्थी बुद्धिजीवियों की तमाम किस्में इस फिल्म की वाह - वाही में तमाम दैनिक अखबारों में पोंक मारा है , तो इसमें ताज़्जुब की क्या बात ? ‘ गाँधीगीरी ' के समक्ष चरण वन्दना करने में लोक - संस्कृति , जन साहित्य , आमजन की इच्छा का प्रतिनिधित्व करने वाले साहित्य का सृजन का दावा करने वाले “ बौद्धिकों ” की कायरता और नपुंसकता का अखिल भारतीय प्रदर्शन होता नजर आया।