जलनिधि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ‘‘भद्रे ! जलनिधि पर सूर्य की कोपदृष्टि हुई, वह उसे सुखाए ड़ाल रहा है।
- भारत वर्ष के अंतिम छोर पर खडे हो कर अथाह जलनिधि को उन्होनें प्रणाम किया।
- जैसे श्री रघुनाथजी का अमोघ बाण चलता है , उसी तरह हनुमान्जी चले॥4॥* जलनिधि रघुपति दूत बिचारी।
- सत्य का दीपक जले अनय की संध्या टले पंक जलनिधि तार दे हे अम्बशारदे सार दे।
- ‘‘ भद्रे ! जलनिधि पर सूर्य की कोपदृष्टि हुई , वह उसे सुखाए ड़ाल रहा है।
- ‘‘ भद्रे ! जलनिधि पर सूर्य की कोपदृष्टि हुई , वह उसे सुखाए ड़ाल रहा है।
- जल में अगन रही अधिकाई॥ राम बिनु तन को ताप न जाई॥ तुम जलनिधि मैं जलकर मीना।
- देव-यजन के पशुयज्ञों की वह पूर्णाहुति की ज्वाला , जलनिधि में बन जलती कैसी आज लहरियों की माला।”
- देव-यजन के पशुयज्ञों की वह पूर्णाहुति की ज्वाला , जलनिधि में बन जलती कैसी आज लहरियों की माला।”
- वह ठहरा है और मझधार में संसृति जलनिधि की तरंगों का उद्दाम नर्तन है , चल रहा है।