जिभ्या का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- हे पुरुषों में श्रेष्ठ दुःख और सुख को समान समझने वाले जिस व्यक्ति को ये इन्द्रियों के विषय विचलित नहीं करते , स्वाद जिसे विचलित नहीं करता , रूप जिसे लुभाता नहीं है ( रूप दृष्टि तथा स्वाद जिभ्या का विषय है ) वही मोक्ष का अधिकारी है।
- तुरंत चैधरियों से आज्ञा पाकर विष्णु को हृदय में धारण कर के जिभ्या से विष्णु का जप करते हुए गुरू जाम्बेश्वरजी को नमन करके वहां से एक साथ ही तीन सौ तिरेसठ स्त्री पुरूषों ने प्रस्थान किया और जहां पर वृक्ष कट रहे थे , वहां जाकर बिना कुछ बोले सुने निर्भय होकर रूंखो से चिपक गये।
- और तुरंत भगवान् विष्णु को हृदय में धारण करके जिभ्या से भगवान् विष्णु का ही जप करते हुए , गुरु जम्भेश्वर जी को नमन करते हुए वहाँ से 363 बिश्नोईयों ( 69 महिलाये और 294 पुरूष ) ने प्रस्थान किया और जहां वृक्ष काटे जा रहे थे , वहाँ जाकर बिना कुछ बोले-सुने निर्भय होकर रुंखो से चिपक गए।
- ( आपके किलोग्रेम भार को मीटर्स में आपकी लम्बाई के वर्ग से भाग देने पर जो कुछ प्राप्त होता है ,उसी प्राप्तांक को वजन सूचक कहा जाता है .१८.५ -२४.९ इसकी सामान्य रेंजहै .१८.५ से नीचे आप अन्दर वेट तथा २५ से ऊपर ओवर वेट होते चले जातें है बाशर्ते आपका वजन आपके कद काठी के अनुरूप आदर्श वजन से १२० फीसद या फिर और भी ज्यादा हो ।/कम हो . जिभ्या (पलेट)रस लेती है वसा का चिकनाई सने भोजन का .इसे खट्टा ,मीठा ,तीखा (कडवा ),नमकीन ,और उमामी के बाद छटा स्वाद कहा जा रहा है .
- ( आपके किलोग्रेम भार को मीटर्स में आपकी लम्बाई के वर्ग से भाग देने पर जो कुछ प्राप्त होता है ,उसी प्राप्तांक को वजन सूचक कहा जाता है .१८.५ -२४.९ इसकी सामान्य रेंजहै .१८.५ से नीचे आप अन्दर वेट तथा २५ से ऊपर ओवर वेट होते चले जातें है बाशर्ते आपका वजन आपके कद काठी के अनुरूप आदर्श वजन से १२० फीसद या फिर और भी ज्यादा हो ।/कम हो . जिभ्या (पलेट)रस लेती है वसा का चिकनाई सने भोजन का .इसे खट्टा ,मीठा ,तीखा (कडवा ),नमकीन ,और उमामी के बाद छटा स्वाद कहा जा रहा है .