ठिठकना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- 24 अकबर रोड़ यानी कांग्रेस का मुख्यालय कौन नहीं चाहता इसकी दहलीज पार करना , किन्तु जब बात 14 अकबर रोड़ की आती है तो लोगों का ठिठकना स्वाभाविक ही है।
- ' ३० से ४० प्रसाद व पूजा अर्चना के सामान से सजी दुकाने' पर ठिठकना पड़ा, इसे “प्रसाद व पूजा अर्चना के सामान से सजी ३० से ४० दुकाने” लिखना बेहतर होता.
- हिन्दी के प्रमाणित माने जाने वाले इस वृहत हिन्दी शब्दकोश में शिष्टाचार का एक मतलब ‘ फॉरमैलिटी ' दिया तो ठिठकना लाजमी था कि कोशकार ने ‘ औपचारिकता ' ना लिखकर देवनागरी में फॉरमैलिटी ही क्यों लिखा।
- सरकार ने तो पांच लाख टन और गेहूं आयात करने की भी तैयारी कर ली थी , पर विदेशों से मिले टेंडरों में ऊंचे भाव कोट किए जाने और देश के भीतर ऊंची कीमत देने का विरोध मुखर होने से उसे ठिठकना पड़ा।
- तय समय से थोडा सा पहले जब मैं वहां पहुंचा तो शिवाजी स्टेडियम के बाद थोडा सा ठिठकना पडा , फ़ौरन अविनाश भाई को फ़ोन लगाया और जब उन्होंने बताया और उस दिशा में मुडा तो देखा कि , अविनाश भाई बाहर ही हाथ हिला रहे थे ।
- कभी मिलन में हुए उल्लसित प्रियतम को बाहों में भरकर कभी विरह में रोया तुमने मेरे काँधों पर सिर रखकर खोने पाने औ सुख दुःख का रहा सदा साक्षी मैं हर पल आज मेरी अंतिम बेला में जाते तुम , पल एक ठिठकना पल भर को तुम मुड़कर तकना
- उसका तेजी से आना , ठिठकना, लजाना, इतराना और उसके बड़प्पन को गहरी निष्ठा से स्वीकार कर, स्वप्नमयी हो अदृश्य हो जाना - इतना कुछ एक साथ देख और महसूस कर कौन नहीं चाहेगा कि मानसी सिर्फ उसी के रक्त में एक उबाल की तरह उपस्थित रहे! उसने देखा था, उन कुछ ही चमत्कारी-से क्षणों में उसने देखा था कि मानसी स्वप्न देखने का सलीका भी जानती है और उन्हें पूरा करने का तरीका भी।
- उसका तेजी से आना , ठिठकना, लजाना, इतराना और उसके बड़प्पन को गहरी निष्ठा से स्वीकार कर, स्वप्नमयी हो अदृश्य हो जाना - इतना कुछ एक साथ देख और महसूस कर कौन नहीं चाहेगा कि मानसी सिर्फ उसी के रक्त में एक उबाल की तरह उपस्थित रहे! उसने देखा था, उन कुछ ही चमत्कारी-से क्षणों में उसने देखा था कि मानसी स्वप्न देखने का सलीका भी जानती है और उन्हें पूरा करने का तरीका भी।
- यह तो हो सकता है कि सरकारी रिकार्ड में औपचारिक रूप से यह ना मिलता हो कि भगतसिंह को शहीद का दर्जा दिया गया है कि नहीं लेकिन इस तरह के प्रश् नों के जवाब देने से पहले मंत्रालय के सूचना अधिकारी को थोड़ा तो ठिठकना चाहिए था - इस संवेदनशील जानकारी का उत्तर देने से पहले अपनी बुद्धि पर इतना भरोसा करने की जरूरत नहीं थी , अपने समकक्षों और उच्च पदस्थों से सलाह करते ।
- लम्स बह रहा था | ऐसा ही कुछ था | बीती सदी की बात थी वो , तब वक्त देखने के लिए घड़ियाँ नहीं बनी थीं और छूने के लिए हाथ का होना जरूरी नहीं था | फिर भी समझ इतनी तो वयस्क हो ही गई थी कि लम्हे का ठिठकना या बह चलना और लम्स का बहना या ठिठक जाना , भांप लिया करती थी | बचपना तो इस मुई समझ का अभी अभी लौटा है ...