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डम-डम का अर्थ

डम-डम अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. छलिया गीत : डम-डम डिगा-डिगा, मौसम भीगा-भीगा फ़िल्म: ज़मींदार गीत: दुनिया मे गरीबों को आराम नही मिलता फ़िल्म: प्यासे पंछी गीत:प्यासे पंछी नील गगन मे गीत मिलन के गाए भरत व्यास फ़िल्म: बूंद जो बन गई मोती गीत: यह कौन चित्रकार है फ़िल्म:
  2. छलिया गीत : डम-डम डिगा-डिगा, मौसम भीगा-भीगा फ़िल्म: ज़मींदार गीत: दुनिया मे गरीबों को आराम नही मिलता फ़िल्म: प्यासे पंछी गीत:प्यासे पंछी नील गगन मे गीत मिलन के गाए भरत व्यास फ़िल्म: बूंद जो बन गई मोती गीत: यह कौन चित्रकार है फ़िल्म:
  3. सघन जटामंडलरूपी वनसे प्रवहित हो रही गंगाजल की धाराएँ जिन शिवजी के पवित्र कंठ को प्रक्षालित करती ( धोती) हैं, जिनके गले में लंबे-लंबे, विक्राक सर्पों की मालाएँ सुशोभित हैं, जो डमरू को डम-डम बजाकर प्रचंड तांडव नृत्य कर रहे हैं-वे शिवजी मेरा कल्याण करें.१.
  4. वन से प्रवाहित हो गंगा जी की धारायं उनके कंठ को प्रक्षालित क होती हैं , जिनके गले में बडे एवं लम्बे सर्पों की मालाएं लटक रहीं हैं, तथा जो शिव जी डम-डम डमरू बजा कर प्रचण्ड ताण्डव करते हैं, वे शिवजी हमारा कल्यान करें
  5. स्वांग में एक पुरुष माताजी का वेश धारण करना होता है बताया जाता है स्वांग रचने के बाद एक हाथ खप्पर दुसरे हाथ लिए तलवार ओर बजते है डम-डम ढोल ओर लगते है जयकार लगते ळै जय काली कल्याण करों भक्तों का भरो के।
  6. ड से डमरू , ड से डलिया , डलिया एक लिए है रजिया, फूलों को वह तोड़ती जाए, व डलिया में रखती जाए, इन फूलों की बनेगी माला, जिसे पहनेगा डमरूवाला, वह डम-डम डमरू बजाएगा, खेल-तमाशे दिख लाएगा, बंदर-बंदरिया को नचाएगा, बच्चों का मन बहलाएगा।
  7. ओर खेलती है माताजी चली आ रही रित को पहले से देखते आ रहे लोगो का कहना स्वांग रचने के बाद एक हाथ खप्पर दुसरे हाथ लिए तलवार ओर बजते है डम-डम ढोल बजते है देवी खेलती है ओर माता का अंष आ जाता है।
  8. इस दिव्य और विचित्र बारात के प्रस्थान के समय डमरुओं की डम-डम , शंखों के गंभीर नाद , ऋषियों-महर्षियों के मंत्रोच्चार , यक्षों , किन्नरों , गन्धर्वों के सरस गायन और देवांगनाओं के मनमोहक नृत्य और मंगल गीतों की गूँज से तीनों लोक परिव्याप्त हो उठे।
  9. सघन जटामंडल रूप वन से प्रवाहित होकर श्री गंगाजी की धाराएँ जिन शिवजी के पवित्र कंठ प्रदेश को प्रक्षालित ( धोती) करती हैं, और जिनके गले में लंबे-लंबे बड़े-बड़े सर्पों की मालाएँ लटक रही हैं तथा जो शिवजी डमरू को डम-डम बजाकर प्रचंड तांडव नृत्य करते हैं, वे शिवजी हमारा कल्याण
  10. जिन शिव जी की सघन जटारूप वन से प्रवाहित हो गंगा जी की धारायं उनके कंठ को प्रक्षालित क होती हैं , जिनके गले में बडे एवं लम्बे सर्पों की मालाएं लटक रहीं हैं, तथा जो शिव जी डम-डम डमरू बजा कर प्रचण्ड ताण्डव करते हैं, वे शिवजी हमारा कल्यान करें
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