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तक़्सीम का अर्थ

तक़्सीम अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. [ जब माल की तक़्सीम ( वितरण ) में आप के बराबरी व मुसावत के उसूल ( समता एवं समानता के सिद्धान्त ) बरतने पर कुछ लोग बिगड़ कर उठे - तो आप ने इर्शाद फ़रमाया ]
  2. इस्ताम्बूल के तक़्सीम स्क्वाएर पर प्रदर्शनकारी 3 सप्ताह पहले पुलिस से झड़पों के दौरान मरने वाले 4 लोगों की याद में धरना दिये बैठे थे कि पुलिस उन्हे भगाने के लिये वहाँ पहुँच गई जिस पर वहाँ मौजूद प्रदर्शन कारियों और पुलिस में झड़पें शुरू हो गईं।
  3. मुझ में एक नया आकार लिया है धरती , अंबर, आग, हवा, जल जैसी ही सच्चाई अम्मा बाबूजी गुज़रे, आपस में सब चीज़ें तक़्सीम हुईं,तब- मैं घर में सबसे छोटा था,मेरे हिस्से आई अम्मा घर में झीने रिश्ते मैंने लाखों बार उधड़ते देखे चुपके-चुपके कर देती है, जाने कब तुरपाई अम्मा”
  4. [ पिछली क़िस्त-१ में आप ने पढ़ा कि ग़ज़लों की चार तक़्सीम की जा सकती है जैसे हस्तीनी ,शंखिनी ,चतुरनी और पद्दमिनी .इनके बारें में एक मुख़्तसर ताअर्रुफ़ भी आप ने पढ़ा .अब आप आगे पढ़ें.रवायती शायर और रसूमियाती शायरी क्या है ] इस अजीब-ओ-ग़रीब तहरीर से कम से कम ये...
  5. अहमद फ़राज़ के इन शब्दों के साथ उन्हें भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रस्तुत है उनकी एक नज़्म- शैलेश जैदी ] अब किसका जश्न मनाते हो अब किसका जश्न मनाते हो उस देस का जो तक़्सीम हुआ अब किसका गीत सुनाते ही उस तन का जो दो नीम हुआ
  6. [ पिछली क़िस्त-१ में आप ने पढ़ा कि ग़ज़लों की चार तक़्सीम की जा सकती है जैसे हस्तीनी ,शंखिनी ,चतुरनी और पद्दमिनी .इनके बारें में एक मुख़्तसर ताअर्रुफ़ भी आप ने पढ़ा .अब आप आगे पढ़ें.रवायती शायर और रसूमियाती शायरी क्या है ] इस अजीब-ओ-ग़रीब तहरीर से कम से कम ये
  7. बाज़ पागल ऐसे भी थे जो पागल नहीं थे; उनमें अक्सरीयत ( बहुतायत) ऐसे क़ातिलों की थी जिनके रिश्तेदारों ने अफ़सरों को कुछ दे दिलाकर पागलख़ाने भिजवा दिया था कि वह फाँसी के फंदे से बच जाएँ; यह पागल कुछ-कुछ समझते थे कि हिंदुस्तान क्यों तक़्सीम हुआ है और यह पाकिस्तान क्या है;
  8. बाज़ पागल ऐसे भी थे जो पागल नहीं थे; उनमें अक्सरीयत ( बहुतायत) ऐसे क़ातिलों की थी जिनके रिश्तेदारों ने अफ़सरों को कुछ दे दिलाकर पागलख़ाने भिजवा दिया था कि वह फाँसी के फंदे से बच जाएँ; यह पागल कुछ-कुछ समझते थे कि हिंदुस्तान क्यों तक़्सीम हुआ है और यह पाकिस्तान क्या है;
  9. बाज़ पागल ऐसे भी थे जो पागल नहीं थे; उनमें अक्सरीयत ( बहुतायत) ऐसे क़ातिलों की थी जिनके रिश्तेदारों ने अफ़सरों को कुछ दे दिलाकर पागलख़ाने भिजवा दिया था कि वह फाँसी के फंदे से बच जाएँ; यह पागल कुछ-कुछ समझते थे कि हिंदुस्तान क्यों तक़्सीम हुआ है और यह पाकिस्तान क्या है;
  10. मुझ में एक नया आकार लिया है धरती , अंबर, आग, हवा, जल जैसी ही सच्चाई अम्मा बाबूजी गुज़रे, आपस में सब चीज़ें तक़्सीम हुईं,तब- मैं घर में सबसे छोटा था,मेरे हिस्से आई अम्मा घर में झीने रिश्ते मैंने लाखों बार उधड़ते देखे चुपके-चुपके कर देती है, जाने कब तुरपाई अम्मा आपकी कहानी बहुत ही अच्छी लगी.
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