तहकीक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- क्या यह किसी पैगम्बरी की अलामत हो सकती है कि अल्लाह की बनाई हुई मखलूक से नफरत करे ? तहकीक जदीद कहती है कि इनको समाज में रहने का हक है , वह इनके लिए कोई काम तलाश रही है ताकि यह खुद को मिली हुई घिनावनी पहचान से दूर कर सकें .
- क्या यह किसी पैगम्बरी की अलामत हो सकती है कि अल्लाह की बनाई हुई मखलूक से नफरत करे ? तहकीक जदीद कहती है कि इनको समाज में रहने का हक है , वह इनके लिए कोई काम तलाश रही है ताकि यह खुद को मिली हुई घिनावनी पहचान से दूर कर सकें .
- किताब फी तहकीक मा लिल हिन्द मिन मकाला मक्बूला फिल अक्ल-औ-मरजूला ' जिसे आमतौर से ‘ किताब-उल-हिन्द ' कहा जाता है की रचना की थी , बाद में इस पुस्तक का अनुवाद पहले जर्मन भाषा एवं बाद में अंग्रेजी में जर्मन विद्वान एडवर्ड सीसख् ााउ ‘ 1845 - 1930 ' ने करके सन 1888 ई.
- मेरे जिगरी दोस्तों में सबसे पहला और सबसे तेजी से बदलने वाला ! एक समय था जब हमलोग हर सुख -दुःख मिलकर बाँटते थे और अब समय है जब इसे मेरी किसी दुःख-सुख से कोई मतलब नहीं रहा ! इस बदलाव की वजह मुझे नहीं पता और इसकी तहकीक करना भी नहीं चाहता , ज्यादा तकलीफ होती है !
- हिंदुस्तान दुनिया का अकेला ऐसा मुल्क है जहाँ सबसे ज्यादा सांप्रदायिक दंगे होते हैं ! किसी भी समस्या का वास्तविक समाधान तभी हो सकता है जब उस समस्या के वास्तविक वजह कि तहकीक की जाये ! मैं एक हिन्दू हूँ लेकिन मैंने दुनिया के तकरीबन हर धर्म और उसके मानने वालों कि मानसिकता का विशद अध्ययन किया है !
- आज सही और गलत कोई मायेने नहीं रखता बस लोगो कि पसंदीदा बात होनी चाहिए , लोगो ने कुछ किताबे पड़ी और उन किताबो कि तहकीक भी करना जरूरी नहीं समझा कि फलां मौलाना या आलिम कि किताब में कौन सी बात सही है कौन सी गलत , बस हवाला देना काफी हुआ , जैसे कि वो मौलाना या उलेमा पर वहि नाजिल हुए हो ?
- ( पेश तोदर ) आपके समक्ष अर्थात् आप के द्वार पर ( तहकीक ) पूरी तरह जान कर ( यक अर्ज गुफतम ) एक हृदय से विशेष प्रार्थना है कि ( दिलदानी ) हे महबूब ( दुनियां मुकामे ) यह संसार रूपी ठिकाना ( फानी ) नाशवान है ( मम सर मूई ) जीव के शरीर त्यागने के पश्चात् ( अजराईल ) अजराईल नामक फरिश्ता यमदूत ( गिरफ्त दिल हेच न दानी ) बेरहमी के साथ पकड़ कर ले जाता है।
- यह कहना हमारे इन मुकददस बुजुर्गों ने तलवार के डर के मारे हिन्दू धर्म को तर्क कर दिया था या औरतों और रूपये के लालच में आकर वह मुसलमान हो गये थे या वह हिन्दू धर्म से बेखबर थे या वह तहकीक करने वाले नहीं थे सरासर गलत बे बुनियाद और झूटे इलजामात हैं ऐसे इल्जाम लगाने वालों को हम बता देना चाहते हैं कि हमारे पूर्वज और मुकददस बुजुर्गों की दहलीज तक तो तुम उस वक्त पहुचने की कोशिश करना जबके पहले हम से बच निकलो।
- जागरण संवाद केंद्र , किश्तवाड़: रामबन के गूल संगलदान में हुए हादसे को लेकर किश्तवाड़ में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रोष जताया। दोपहर की नमाज अता करने के बाद वे जामिया मस्जिद से निकले और बस स्टैंड के पास प्रदर्शन करते हुए डीसी दफ्तर के बाहर पहुंच गए, जहां जामिया मस्जिद के इमाम ने अपने विचार रखकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि अपने कुरान से छेड़छाड़ मुस्लिम समुदाय को ठेस पहुंचाने वाली बात है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गूल में जो हुआ वह सोची समझी साजिश के तहत हुआ है। इसकी पूरी तहकीक