तुरपन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- क्या करूं …… जब भी तुम्हारी याद आती है … तुम्हारे पुराने कच्छे की तुरपन … कभी फाड़ती हूँ … कभी सीती हूँ … अब तो एक ही है मलाल , हाल तो बिगड़ ही चुका है , कब तक सम्हालूँ अपनी चाल …….
- और वह पतिता लग रही थी भक्ति-रस में आपादमस्तक डूबती जा रही भक्तिन , मुग्धा , आविष्ट , एकाग्र ! आज जब मैं उस स्मृति की तुरपन न चाहने पर भी उधेड़ता चला जा रहा हूँ , तो मुझे लगता है अतीत को भूलना असम्भव है।
- जहां पर एक दिन फ़रहाद ने शीरीं को छेड़ा था निगाहे नाज की खातिर किया लम्बा बखेड़ा था कहां पर चार कद्दावर जवानों ने उठा डंडा मियां फ़रहाद की बखिया की तुरपन को उधेड़ा था हमें फ़रहाद के अरमाँ निकाले याद आते हैं तुम्हारे शहर के वे गंदे नाले याद आते हैं
- शुरू में असहज करने वाला माहौल बहुत जल्दी अपना हो जाता है , मेरे भी बहुत से काम मेरी रूममेट्स बहुत प्यार से करती थी , ब्रीफकेस जमाना , कपड़ों की तुरपन , बाल सुलझाना ( इतने घने थी कि अपने आप सुलझते ही नहीं थी ) , कपड़े सिमटना , आदि आदि .
- जब वे विदा लेकर जाने को मुड़ीं तो इंदिरा गाँधी ने उन्हें रोका और कहा कि “ तुम्हारी स्कर्ट की हेमिंग थोड़ी सी खुल गयी है , इस तरह पार्टी में जाना ठीक नहीं ” और एक छोटे से डब्बे में से सूई धागा निकाला और नीचे बैठकर उनके स्कर्ट की तुरपन ठीक कर दी .