तुर्वसु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ययाति के पुत्र तुर्वसु का वह्नि , वह्नि का भर्ग, भर्ग का भानुमान, भानुमान का त्रिभानु, त्रिभानु का उदारबुद्धि करंधम और करंधम का पुत्र हुआ मरूत।
- यदुकुल की संपूर्ण जानकारी के लिए आगे क्लिक करें . .. चंद्रवंश : यदुवंश को जानिए... 3. तुर्वसु का वंश : तुर्वसु के वंश में भोज (यवन) हुए।
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- इप्टा मधेपुरा के सचिव , तुर्वसु शचीन्द्र ने कहा कि बाबा नागार्जुन किसान-मजदूरों के शोषण खत्म करने के लिए लेखन कर रहे थे और लड भी रहे थे।
- इप्टा मधेपुरा के सचिव , तुर्वसु शचीन्द्र ने कहा कि बाबा नागार्जुन किसान-मजदूरों के शोषण खत्म करने के लिए लेखन कर रहे थे और लड भी रहे थे।
- अंत : पुर में रह रही देवयानी से उन्हें दो पुत्र हुए - यदु और तुर्वसु , और शर्मिष्ठा के साहचर्य से तीन पुत्र हुए - दुह्य , अवु और पुरू ।
- ‘ देवयानी ' ने ‘ यदु ' और ‘ तुर्वसु ' को जन्म दिया तथा ‘ शर्मिस्था ' ने ‘ द्रुहू ' ‘ अनु ' और ‘ पुरु ' को जन्म दिया।
- इस तरह अंत : पुर में रह रही देवयानी से तो उन्हें दो पुत्र हुए - यदु और तुर्वसु , लेकिन उन्मुक्त अशोक वन में शर्मिष्ठा के साहचर्य से तीन पुत्र हुए - दुह्य , अवु और पूरू।
- ययाति ने दक्षिण-पूर्व दिशा में तुर्वसु को ( पंजाब से उत्तरप्रदेश तक), पश्चिम में द्रुह्मु को, दक्षिण में यदु को (आज का सिंध प्रांत) और उत्तर में अनु को माण्डलिक पद पर नियुक्त किया तथा पुरु को संपूर्ण भूमंडल के राज्य पर अभिषिक्त कर स्वयं वन को चले गए।